Social Erosion News: तमिलनाडु में तूतुकुडी जिले के कुलसेकरपट्टिनम में लगातार समुद्री कटाव के कारण सैकड़ों ताड़ के पेड़ों के उखड़ने का खतरा है। चूंकि इस क्षेत्र के ताड़ के पेड़ दुर्लभ किस्म के हैं, इसलिए सामाजिक कार्यकर्ता इसे लेकर ज्यादा चिंतित दिखते हैं।सामाजिक कार्यकर्ता गुणसीलन ने कहा कि इसे लेकर अब तक कई बार शिकायतें की हैं, फिर भी किसी अधिकारी ने इसके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की है। उनके मुताबिक ताड़ के पेड़ न होने से समुद्री पानी के कुलसेकरपट्टिनम में घुसने का खतरा बढ़ जाता है और समुद्री कटाव भी बढ़ रहा है।
उन्होंने कहा कि मशहूर मुथरम्मन दशहरा या कुलसाई दशहरा उत्सव भी इसी स्थान पर मनाया जाता है और अब वो भी खतरे में है।उन्होंने हाल के दिनों में बढ़े मिट्टी के कटाव के लिए उदंगुडी के कल्लमोझी क्षेत्र में थर्मल पावर प्लांट परियोजना से संबंधित निर्माण को भी जिम्मेदार ठहराया।निकटवर्ती गांवों अलनतलाई, अमली नगर और तिरुचेंदूर में भी समुद्री कटाव जारी है।गुणसीलन, सामाजिक कार्यकर्ता: उदंगुडी इलाके में ताड़ के पेड़ बहुत मशहूर हैं।
इस इलाके से ली गई करुपट्टी दुनिया भर में मशहूर है और इसे जीआई (भौगोलिक संकेत) टैग और सरकारी मान्यता हासिल है। लेकिन ऐसे ताड़ के पेड़ अब नष्ट होने के कगार पर हैं। पेड़ जड़ सहित गिर रहे हैं। हमने अब तक कई शिकायतें की हैं, फिर भी किसी अधिकारी ने इसके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की है।
इससे समुद्री पानी के कुलसेकरपट्टिनम में घुसने का खतरा बढ़ गया है, साथ ही समुद्री कटाव भी बढ़ रहा है। साथ ही इस स्थान पर मशहूर मुथरम्मन दशहरा उत्सव भी होता है। अब वो भी खतरे में है। इसलिए हम (सामाजिक कार्यकर्ता) अधिकारियों से अनुरोध कर रहे हैं कि वे इस क्षेत्र में समुद्री कटाव को रोकने के लिए जल्द ही कोई त्वरित कार्रवाई करें।”