चंडीगढ़– हरियाणा सरकार ने सोमवार से प्रदेश में परिवार पहचान पत्र बनाने का दूसरा चरण शुरू करने का निर्णय लिया है। इसके तहत राज्य के बीस हजार निजी स्कूलों में भी परिवार पहचान पत्र बनाए जाएंगे।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने चार जुलाई को पंचकूला में 20 परिवारों को परिवार पहचान पत्र देकर यह योजना शुरू की थी। सरकार द्वारा प्रदेश में 56 लाख परिवारों का डाटा जुटाया गया है, जिनमें 18 लाख 28 हजार परिवारों के परिवार पहचान पत्र बनाने का काम शुरू हो चुका है। सरकार ने तीन माह के भीतर पूरे हरियाणा को इस योजना के तहत कवर करने का फैसला किया है।
पहले चरण में प्रदेश सरकार द्वारा सभी सरकारी स्कूलों में परिवार पहचान पत्र बनाए जाने के बाद अब सोमवार से निजी स्कूलों को भी इस प्रक्रिया में शामिल किया जा रहा है। शिक्षा निदेशालय द्वारा प्रदेश के सभी जिला शिक्षा अधिकारियों और जिला मौलिक शिक्षा अधिकाररियों को निर्देश जारी कर दिए हैं।
निजी स्कूल प्रबंधक परिवार पहचान पत्र बनाने वाले कर्मचारियों को बैठने के लिए स्थान उपलब्ध करवाएंगे और जिला उपायुक्त द्वारा स्टाफ मुहैया करवाया जाएगा।
निजी स्कूलों में पढऩे वाले विद्यार्थी अपने अभिभावकों के साथ पहुंचेंगे और स्कूल प्रबंधक फिजिकल डिस्टेंसिंग के साथ उन्हें वहां बैठाएंगे।
जिलों में क्या रहेगा पहचान पत्र बनाने का कार्यक्रम ?
हरियाणा सरकार द्वारा घोषित कार्यक्रम के अनुसार 21 से 23 सितंबर तक गुरुग्राम, फरीदाबाद, पलवल, जींद, पंचकूला, हिसार, सिरसा, फतेहाबाद, कैथल, भिवानी, दादरी जिलों के प्राइवेट स्कूलों में तथा 24 से 26 सितंबर तक इन जिलों के लोकल सेंटरों में परिवार पहचान पत्र बनाए जाएंगे।
इसी प्रकार 28 से 30 सितंबर तक रोहतक, झज्जर, सोनीपत, पानीपत, अंबाला, यमुनानगर, कुरूक्षेत्र, करनाल, नूंह, रेवाड़ी और महेंद्रगढ़ जिलों के प्राइवेट स्कूलों में परिवार पहचान पत्र बनाए जाएंगे। उक्त जिलों के लोकल केंद्रों में एक अक्टूबर से तीन अक्टूबर तक यह कार्य चलेगा
जानिए पूरी रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया
परिवार पहचान पत्र बनवाने के लिए सभी राशन डिपो, तहसील कार्यालयों, खंड विकास कार्यालय, गैस एजेंसी, सरकारी स्कूलों, अटल सेवा केंद्रों और सरल सेंटर में फार्म मुफ्त लिए जा सकते हैं। फार्म में अपनी और परिवार के सभी सदस्यों की सही-सही जानकारी भरें। इसे जरूरी कागज लगाकर जमा कर दें। संबंधित अधिकारी फार्म की जांच पड़ताल करेंगे। सब कुछ सही मिलने पर आवेदक को स्मार्ट कार्ड के रूप में आठ अंकों की आइडी वाला परिवार पहचान पत्र मिल जाएगा।
इस कार्ड में परिवार के मुखिया का नाम सबसे ऊपर होगा, जबकि अन्य सदस्यों की जानकारी नीचे होगी। आवेदक सभी प्रक्रिया पूरी होने के बाद अपना स्टेटस या अपने आवेदन की स्थिति आधिकारिक पोर्टल या सरल सेवा केंद्र की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर भी देख सकते हैंं
इन दस्तावेजों की है जरूरत
- आधार कार्ड
- मोबाइल नंबर
- BPL राशन कार्ड
- पैन कार्ड
- वोटर कार्ड
- बैंक खातों की पास बुक
परिवार पहचान पत्र के फायदे ?
परिवार पहचान पत्र बनने से सरकारी योजनाओं में फर्जीवाड़ा थमेगा। सिर्फ सही लाभाॢथयों को ही योजनाओं का लाभ मिलेगा और गलत तरीके से फायदा उठा रहे लोग अलग हो जाएंगे। सरकार के पास पूरा रिकॉर्ड रहेगा कि किस व्यक्ति को किस योजना का लाभ मिल रहा है और किसे नहीं। योजनाओं का लाभ लेने के लिए सरकारी दफ्तरों के धक्के नहीं खाने पड़ेंगे। सॉफ्टवेयर निर्धारित आयु सीमा सहित तमाम जानकारी निकालकर लाभार्थी को उसका लाभ पहुंचाना सुनिश्चित करेगा। बुढ़ापा पेंशन सहित तमाम पेंशन परिवार पहचान पत्र के जरिये मिलेंगी। योजनाओं का लाभ लोगों को उनके दरवाजे पर मिलेगा। सरकार को पता रहेगा कि परिवार किस क्षेत्र में रहता है। हर क्षेत्र के लिए अलग कोड बनाया गया है। शहर एवं गांवों के लिए अलग कोड होगा।