चरखी दादरी(प्रदीप साहू): मुस्लिम समाज के लोगों ने एक महीने का रोजा रखने के बाद शहर के रविदास नगर स्थित ईदगाह में ईद-उल-फितर की नमाज अदा कर ईद-उल-फितर का त्यौहार को मनाया। इस दौरान मुस्लिम समाज ने देश में अमन चैन भाईचारा बना रहे इसके लिए अल्लाह से दुआ मांगी। और इस खुशी के मौके पर बच्चों व बड़ों ने एक दूसरे से गले मिलकर ईद की बधाई दी। ईद-उल-फितर की नमाज अदा करने पहुंचे लोगों भीड़ को देखते हुए सुरक्षा के लिए प्रशासन द्वारा पुलिस को तैनात किया गया।
शहर के रविदास नगर स्थित ईदगाह में मुस्लिम समाज के भाई चारे को मौलवी शवाहिलीन खान ने ईद-उल-फितर की नमाज अदा करवाई। इस दौरान मुस्लिम समाज के लोगों ने नमाज अदा करते हुए ईद-उल-फितर का त्यौहार मनाया। और देश में अमन-चैन शांति बनी रहे, इसके लिए भी दुआ मांगी। मौलवी शवाहिलीन ने कहा ईद-उल-फितर त्यौहार उनके लिए सबसे अलग होता है जो एक महीने के रोजा रखने के बाद उसकी खुशी में मनाया जाता है और जो रमजान का महीना होता है वो बार-बार जिंदगी में आए। क्योंकि यह बड़ा ही बाबर्कत महीना होता है, और इसी महीने के अंदर एक रात ऐसी होती है जो शबे कद्र है जो हजार महीनों की इबादतों से बेहतर और अच्छा है। उस रात की इबादत अल्लाहा सबको नसीब फरमाएं। इस दिन अल्लाहा सभी रोजा रखने वालों के गुनाहों को माफ करते है। इस खुशी के मौके पर बच्चों व बड़ों ने एक दूसरे से गले मिलकर ईद की बधाई दी।
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मुस्लिम समाज के लोग पूरे एक महीने के कठिन रोजे के बाद ईद का त्योहार मनाते हैं, इस दिन लोगों के घरों में सेंवई बनती हैं, इसलिए इस पर्व को ‘मीठी ईद’ भी कहा जाता है। गौरतलब है, ईद-उल-फितर का पर्व ‘शव्वाल’ की पहली तारीख को मनाया जाता है, जो कि रमजान के महीने के खत्म होने पर शुरू होता है। ‘शव्वाल’ का चांद दिखने पर ही ईद की तारीख तय होती है और वो कल दिखा था इसलिए आज पूरे देश में भाईचारे और प्रेम के प्रतीक इस त्योहार को मनाया जा रहा है।
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