नई दिल्ली: संसद के मानसून सत्र से पहले केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल को बड़ा प्रमोशन मिला है। अब वह राज्यसभा में सदन के नेता होंगे। बता दें कि 19 जुलाई से संसद का मानसून सत्र शुरू होना है।
गोयल से पहले थावरचंद गहलोत ही राज्यसभा में भाजपा के नेता सदन की जिम्मेदारी संभाल रहे थे। लेकिन, अब थावरचंद गहलोत को कर्नाटक का राज्यपाल बना दिया गया है और उनकी जगह पीयूष गोयल को राज्यसभा में नेता सदन की जिम्मेदारी दी गई है।
हाल ही में हुए मोदी कैबिनेट विस्तार में पीयूष गोयल से रेल मंत्रालय वापस लेकर उन्हें कपड़ा मंत्रालय दिया गया है। उन्होंने गुरुवार को कपड़ा मंत्रालय का कार्यभार संभाला है।
जानकारी के मुताबिक, इससे पहले, जो दूसरा नाम चर्चा में था, वह श्रम मंत्री भूपेंद्र यादव का था, जिन्हें हाल ही में मंत्रिमंडल में शामिल किया गया था।
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यादव एक अनुभवी राजनेता रहे हैं, जो संसदीय कार्यवाही के नियमों और कायदों से अच्छी तरह जानते हैं। सदन के नेता के तौर पर एक और प्रमुख नाम जो सामने आया वह था वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का था।
वह पीएम मोदी के कार्यकाल में देश की पहली पूर्णकालिक वित्त और रक्षा मंत्री हैं। वह वर्तमान में संसदीय मामलों की कैबिनेट कमेटी और सुरक्षा के लिए कैबिनेट कमेटी में एकमात्र महिला हैं।
गहलोत से ठीक पहले इसी पद पर पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली थे, जिन्होंने सीतारमण को सलाह दी थी। संसद के मॉनसून सत्र के 19 जुलाई को शुरू होने से पहले संसदीय कार्य मंत्री प्रहलाद जोशी ने सर्वदलीय मीटिंग बुलाई है।
यह बैठक 18 जुलाई को होने वाली है, जिसमें केंद्र सरकार की ओर से विपक्षी दलों से सदन के सुचारू रूप से संचालन की अपील की जाएगी।
गौरतलब है कि संसद का मॉनसून सेशन कुल 26 दिनों तक चलेगा, लेकिन छुट्टियों को हटा दें तो 19 दिन ही काम होगा।
इन 19 दिनों में मोदी सरकार ने संसद के पटल पर 30 बिलों को पेश करने की तैयारी है। इनमें से 17 विधेयक नए हैं और बाकी संशोधन बिल हैं।
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