PM मोदी ने दी स्कूलों को स्मार्ट बनाने की सौगात, ‘भारत मंडपम’ में ‘अखिल भारतीय शिक्षा समागम’ का किया उद्घाटन

( सत्यम कुशवाह )- देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को 14 हजार पुराने स्कूलों को स्मार्ट बनाने की सौगात देते हुए ‘भारत मंडपम’ में ‘अखिल भारतीय शिक्षा समागम’ का उद्घाटन किया है। इसके साथ ही यहां कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि शिक्षा के लिए संवाद जरूरी है, शिक्षा में देश की किस्मत बदलने की ताकत है। PM मोदी

शिक्षा में देश का भाग्य बदलने की ताकत :पीएम मोदीPM मोदी

आपको बता दें, महान शिक्षाविद, प्रख्यात विद्वान, समाज सुधारक एवं स्वतंत्रता सेनानी ईश्वर चंद्र विद्यासागर की पुण्यतिथि के अवसर पर पीएम मोदी ने शनिवार को 14 हजार पुराने स्कूलों को स्मार्ट बनाने की सौगात देते हुए ‘भारत मंडपम’ में ‘अखिल भारतीय शिक्षा समागम’ का उद्घाटन किया और कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि ये शिक्षा ही है जिसमें देश को सफल बनाने, देश का भाग्य बदलने की ताकत होती है। अखिल भारतीय शिक्षा समागम की इस यात्रा का संदेश है प्राचीनता और आधुनिकता का संगम। राष्ट्रीय शिक्षा नीति में पारंपरिक ज्ञान प्रणाली से लेकर भविष्य की तकनीक तक को बराबर अहमियत दी गई है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि युवाओं के पास भाषा का आत्मविश्वास होगा, तो उनका हुनर, उनकी प्रतिभा भी खुलकर सामने आएगी। आने वाले 25 वर्षों में हमें ऊर्जा से भरी एक युवा पीढ़ी का निर्माण करना है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति का विजन है कि देश के हर वर्ग में युवाओं को एक जैसे अवसर मिलें।

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पीएम ने कहा जब युग बदलने वाले परिवर्तन होते हैं, तो वो अपना समय लेते हैं। 3 साल पहले जब हमनें राष्ट्रीय शिक्षा नीति की घोषणा की थी, तो एक बहुत बड़ा कार्यक्षेत्र हमारे सामने था। लेकिन आप सभी ने नेप-2020 को लागू करने के लिए जो कर्तव्यभाव और समर्पण दिखाया, वो वाकई अभिभूत करने वाला एवं नया विश्वास पैदा करने वाला है। युवाओं को उनकी प्रतिभा की जगह उनकी भाषा के आधार पर जज किया जाना सबसे बड़ा अन्याय है। मातृभाषा में पढ़ाई होने से भारत के युवा टेलेंट के साथ अब असली न्याय की शुरुआत होने जा रही है।

उन्होंने कहा राष्ट्रीय शिक्षा नीति की प्राथमिकता है कि भारत के हर युवा को समान शिक्षा मिले, शिक्षा के समान अवसर मिले। समान शिक्षा का मतलब है। शिक्षा के साथ-साथ संसाधनों तक समान पहुंचा । हर बच्चे की समझ और चॉइस के हिसाब से उसे विकल्पों का मिलना। स्थान, वर्ग, क्षेत्र के कारण बच्चे शिक्षा से वंचित न रहें। आज दुनिया जानती है किजब सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी की बात आएगी, तो भविष्य भारत का है। जब स्पेस टेक की बात होगी तो भारत की क्षमता का मुकाबला आसान नहीं है। जब डिफेंस टेक्नोलॉजी की बात होगी तो भारत का लो-कॉस्ट और बेस्ट क्वालिटी का मॉडल ही हिट होगा। समर्थ युवाओं का निर्माण सशक्त राष्ट्र के निर्माण की सबसे बड़ी गारंटी होती है। इसलिए शिक्षकों और अभिभावकों को बच्चों को खुली उड़ान का मौका देना होगा। हमें भविष्य पर नजर रखनी होगी, भविष्यवादी मानसिकता के साथ सोचना होगा।

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