राजनीतिक गलियारों में सियासत तेज होती जा रही है। गुजरात के आगामी चुनावी ने पार्टियों के बीच हलचल मचा दी है। एक तरफ विपक्ष की ओर से लगातार गुजरात दौरा किया जा रहा है वहीं केंद्र सरकार ने भी राजनीतिक जंग छेड़ दी है। इसी कड़ी में देश के प्रधानमंत्री गुजरात के दो दिवसीय दौरे पर है। इस दौरान पीएम नरेंद्र मोदी गुजरात की जनता को 29 हजार करोड़ की परियोजनाओं की सौगात देंगे। आज से पीएम नरेंद्र मोदी ने चुनावी जंग और गुजरात विकास के मिशन की शुरुआत कर दी है। गुरुवार सुबह सूरत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रोड शो किया। साथ ही गुजरात में जनसभा करते हुए सूरत में 3,400 करोड़ से ज्यादा की लागत की विभिन्न विकास परियोजनाओं की आधारशिला रखी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुजरात की जनता को संबोधित करते हुए कहा कि सूरत शहर लोगों की एकजुटता औऱ जनभागीदारी का बहुत ही शानदार उदाहरण है। हिन्दुस्तान का कोई प्रदेश नहीं होगा जिसके लोग सूरत की धरती पर न रहते हों। सूरत की सबसे बड़ी खासियत ये है कि ये शहर श्रम का सम्मान करने वाला शहर है। इस सदी के शुरुआती दशकों में जब दुनिया में 3-P यानि public-private partnership की चर्चा होती थी तब मैं कहता था कि सूरत 4-P का उदाहरण है। यानि people, public, private partnership यही model सूरत को विशेष बनाता है।
आयुष्मान भारत योजना के तहत देश में अभी तक लगभग 4 करोड़ गरीब मरीज़ों को मुफ्त इलाज मिल चुका है। इसमें से 32 लाख से अधिक मरीज़ गुजरात के हैं और लगभग सवा लाख सूरत से हैं। डबल इंजन की सरकार बनने के बाद तो घर बनाने में भी तेज़ी आई है और सूरत के गरीबों, मिडिल क्लास को दूसरी सुविधाएं भी मिलने लगी हैं। सूरत के कपड़ा और हीरा कारोबार से देशभर के अनेक परिवारों का जीवन चलता है। ड्रीम सिटी प्रोजेक्ट जब पूरा हो जाएगा तो सूरत, विश्व के सबसे सुरक्षित और सुविधाजनक डायमंड ट्रेडिंग हब के रूप में विकसित होगा।
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संबोधन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली सरकार पर तंज कसा पीएम ने कहा जो दिल्ली में सरकार थी, हम उनको बताते-बताते थक गए कि सूरत को एयरपोर्ट की ज़रूरत क्यों है, इस शहर का सामर्थ्य क्या है। आज देखिए, कितनी ही फ्लाइट्स यहां से चलती हैं। कितने लोग हर रोज़ यहां एयरपोर्ट पर उतरते हैं। एयरपोर्ट से शहर को जोड़ने वाली सड़क जो बनी है, वो सूरत की संस्कृति, समृद्धि और आधुनिकता को दर्शाती है।लेकिन यहां अनेक साथी ऐसे हैं जिन्होंने एयरपोर्ट के लिए भी हमारे लंबे संघर्ष को देखा है उसका हिस्सा भी रहे हैं। बीते 2 दशकों से विकास के जिस पथ पर सूरत चल पड़ा है, वो आने वाले सालों में और तेज़ होने वाला है। यही विकास आज डबल इंजन सरकार पर विश्वास के रूप में झलकता है। जब विश्वास बढ़ता है, तो प्रयास बढ़ता है। सबका प्रयास से राष्ट्र के विकास की गति तेज़ होती है।