दिल्ली। (रिपोर्ट- प्रदीप कुमार) हाथरस घटना को लेकर राजनीतिक बवाल आज भी जारी है। आज गांव में घुसने की कोशिश कर रहे टीएमसी सांसदों के साथ पुलिस की धक्का-मुक्की हुई है।राज्य सरकार ने विपक्ष-मीडिया की गांव में एंट्री बैन कर दी है।प्रशासन ने इस मामले में जिस तरह से रिएक्ट किया है, इस पर कई तरह के सवाल खड़े हो रहे हैं।
यूपी के चर्चित हाथरस में दलित युवती के साथ कथित गैंगरेप और फिर मौत की वारदात से पूरे देश में गुस्सा है। पुलिस ने चार आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। लेकिन गैंगरेप की बात को गलत करार दिया है। अब देश में दोषियों को कड़ी सजा देने की मांग हो रही है, लेकिन इस बीच स्थानीय प्रशासन की ओर से कई तरह की सख्ती बरती जा रही है।
पुलिस ने पहले कल राहुल गांधी, प्रियंका गांधी को हाथरस जाने से रोका और आज तृणमूल कांग्रेस सांसदों को गांव में नहीं घुसने दिया गया। इस दौरान टीएमसी सांसदों के साथ पुलिस की बदसलूकी की तस्वीरें सामने आई टीएमसी सांसद डेरेक ओ ब्रायन इस धक्का-मुक्की में जमीन पर गिरे नज़र आये।
इधर लखनऊ में भी हाथरस मसले पर प्रदर्शन कर रहे समाजवादी पार्टी के नेताओं पर पुलिस ने लाठीचार्ज किया। इस दौरान कई कार्यकर्ताओं को चोट आई, पार्टी प्रवक्ता अनुराग भदौरिया को भी चोटें आई।
दरअसल, यूपी प्रशासन ने हाथरस मामले में जिस तरह से रिएक्ट किया है, उसपर कई तरह के सवाल खड़े हो रहे हैं। एक तरफ तो प्रदेश सरकार एसआईटी बनाकर सात दिन में मामले की जांच का भरोसा देती है, दूसरी ओर यूपी पुलिस बयान देकर कहती है कि पीड़िता का रेप ही नहीं हुआ था।
गांव में नेता और मीडिया की एंट्री पर रोक लगा दी गई है, किसी नेता को जाने नहीं दिया जा रहा है, इस बीच खुद हाथरस डीएम गांव में जाकर परिवार से धमकी भरे अंदाज में बात कर रहे हैं। ये वीडियो सोशल मीडिया पर भी खूब वायरल हुआ है।
इस बीच हाथरस पीड़िता के पिता ने आरोप लगाया कि उन पर सरकारी अधिकारी दबाव डाल रहे हैं। पीड़ित परिवार ने मामले की सीबीआई जांच कराने की मांग की है। परिवार ने आरोप लगाया कि जिला प्रशासन अपने बयान बार-बार बदलने बदलने को लेकर दबाव डाल रहा है। बहरहाल हाथरस घटना पर सड़कों पर घमासान जारी है और इसमें नए-नए मोड़ देखने को मिल रहे हैं।