Politics News: कांग्रेस ने इनकम टैक्स डिपार्टमेंट पर पार्टी के बैंक खातों से 65 करोड़ रुपए निकालने का आरोप लगाया है। दिल्ली कांग्रेस मुख्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए कांग्रेस नेताओ ने केंद्र सरकार पर हमला बोलते हुए इसे आर्थिक आतंकवाद करार दिया है।
केंद्र सरकार पर “आर्थिक आतंकवाद” का आरोप
कांग्रेस ने केंद्र सरकार पर “आर्थिक आतंकवाद” शुरू करने का आरोप लगाया और दावा किया कि उसके खातों से 65 करोड़ रुपये से अधिक की राशि ‘डाका डालकर’ निकाल ली गई। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने आरोप लगाया कि लोकसभा चुनाव से पहले ये सब किया जा रहा है ताकि कांग्रेस को आर्थिक रूप से अपंग बनाया जा सके।वहीं पार्टी के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने आरोप भी लगाया कि बीजेपी दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र को ‘तानाशाही राज’ में बदलने का प्रयास कर रही है।
किसने क्या कहा?
वेणुगोपाल ने कहा, “बीजेपी द्वारा कांग्रेस के खिलाफ आर्थिक आतंकवाद शुरू किया गया है। हमें यह पैसा आम लोगों और कार्यकर्ताओं से मिला है। लोकसभा चुनाव से पहले मुख्य विपक्षी दल के खातों को एक तरह से हाईजैक कर लिया गया है। कांग्रेस के कोषाध्यक्ष अजय माकन ने आरोप लगाया कि बीजेपी की सरकार ने सभी विपक्षी दलों और कांग्रेस के खिलाफ आर्थिक आतंकवाद शुरू कर दिया है। अजय माकन ने कहा कि, “कांग्रेस को 2018-19 में 142.83 करोड़ रुपये का चंदा मिला। इसमें से सिर्फ 14.49 लाख रुपये हमारे विधायकों और सांसदों की एक महीने की सैलरी से मिले थे। ये 14 लाख रुपये कैश में आने की वजह से हमारे ऊपर 210 करोड़ रुपये की पेनल्टी लगा दी गई।
हमें 31 दिसंबर तक अपने खातों की जानकारी आयकर विभाग को देनी थी, लेकिन हमने 2 फरवरी 2019 को दी। ऐसे में सारे पैसे पर यह पेनल्टी लगाई गई। ऐसा आज तक कभी नहीं हुआ। अब 5 साल बाद सरकार और आयकर विभाग जागा है, जब चुनाव सिर पर हैं। ये कहां का न्याय है? ये कांग्रेस पार्टी को आर्थिक रूप से तोड़ने की कोशिश है ताकि हम लोग चुनाव न लड़ पाएं। अगर हमारे खाते फ्रीज हो जाएंगे तो हम चुनाव कैसे लड़ेंगे, प्रचार कैसे करेंगे?”
भारतीय युवा कांग्रेस के अध्यक्ष श्रीनिवास बी. वी. ने आरोप लगाया कि उनके संगठन के खातों से जो पैसा निकाला गया, वह कार्यकर्ताओं ने जमा किया था। उन्होंने कहा कि जनता इस तानाशाहीपूर्ण रवैये का जवाब देगी।आयकर विभाग ने पिछले दिनों 210 करोड़ रुपये की रिकवरी की मांग का हवाला देते हुए कांग्रेस के प्रमुख खाते ‘फ्रीज’ कर दिए थे। हालांकि बाद में आयकर अपीलीय अधिकरण ने अगली सुनवाई होने तक उसके खातों पर से रोक हटा दी थी।