सर्दियों में प्रदूषण से फेफड़े हो रहे है छलनी, जानें बचने के उपाय

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सर्दियों के शुरूआती मौसम से ही प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ते हुए दिखाई देता है। ऐसे में लम्बे समय से सरकारें हर वर्ष प्रदूषण को रोकने के लिए अनेकों प्रयास करने में लगी रहती है। जिसमें कई प्रयास सफल होते है वहीं कुछ फेल भी होते है। इस समय दिल्ली में प्रदूषण का स्तर बहुत ही खराब स्थिति से गुजर रहा है। वहां की एयर क्वालिटी इंडेक्स 500 से ऊपर पहुँच चुकी है। जिसको लेकर आए दिन राजनीती होती रहती है।                                                   Pollution safety tips,

आपको बता दें की दिल्ली और उसके आस पास के शहरों में प्रदूषण की वजह से वायु की स्तर इतनी जहरीली हो चुकी है की वहां की सरकार ने प्राइमरी स्कूलों को बंद कर दिया गया है जब तक की स्थिति में सुधर ना हो जाए। वहीं सुरक्षा के लिहाज से लोगों को भी अनेकों हिदायतें दे रखी है। दिल्ली में प्रदूषण का लेवल इस कदर बढ़ चुकी है की लोगों को साँस लेने के साथ ही आँखों में जलन की भी समस्या हो रही है।

बता दें की दिल्ली एनसीआर में स्मॉग इस कदर है की धुंध जैसी स्थिति हो जाती है। जो मानव स्वास्थ को बहुत नुकसान पहुंचाती है। इसके कारण सांस लेने में परेशानी, गले में जकड़न, लंग कैंसर, हार्ट डिजीज, रेस्पिरेटरी इंफेक्शन जैसी खतरनाक बीमारियां हो सकती हैं। बढ़ती जनसंख्या और बदलते समय के साथ लोगो के दिनचर्या में भी परिवर्तन आए हैं जिससे उनकी स्वास्थ पर भी काफी असर पड़ा है। वहीं दिन ब दिन दूषित होती हवा शरीर में अनेकों बीमारियों को जन्म देता है। सरकार द्वारा किये गए कार्य इससे बचाव में काफी नहीं है। प्रदुषण से बचाव खुद ही करनी होगी। जिसके बहुत सारे उपाय हमारे घर पर ही उपलब्ध होते हैं।

इसलिए, फेफड़ों से दूषित हवा को निकालना बहुत जरूरी है। लेकिन यहां सबसे बड़ा सवाल यह है की क्या फेफड़े से दूषित हवा को बाहर निकाला जा सकता है। तो आपको बता दें की ये संभव है। हम अपने फेफड़े में उपस्थित दूषित हवा को बाहर निकल सकते है। कुछ घरेलु उपाय करने होंगे। क्योकि घर बैठना दूषित वायु से बचने का उपाय नहीं है। क्योकि हमारे घरों के आस पास भी दूषित हवा होती जिससे बीमार होने के चांसेज ज्यादा होते है।

डॉक्टरों के अनुसार जब हमारे फेफड़ों या रेस्पिरेटरी सिस्टम में गंदगी के कण पहुंच जाते हैं, तो उसे रोकने के लिए शरीर बलगम का उत्पादन करता है। जिसे निकालने के लिए खांसी आती है। इसलिए खांसी को फेफड़े साफ करने का नैचुरल तरीका माना जाता है। अगर आप स्मॉग या दिल्ली के प्रदूषण के संपर्क में आते हैं, तो कुछ सेकेंड नियंत्रित खांसें। इससे गले, सांस की नली और फेफड़ों में फंसे प्रदूषण के कण निकल जाएंगे।

स्टीम थेरेपी:

स्टीम थेरेपी इसका सबसे अच्छा उपाय है। कई बार दूषित हवा हमारे फेफड़ो में फंस जाती है जिससे हमें साँस लेने में परेशानी होती है। और लंग्स में इन्फेक्शन होने का खतरा होता है। ऐसे स्थिति में भाप लेना फायदेमंद हो सकता है। इसमें भाप के कण सांस नली में मौजूद बलगम को ढीला कर देता है और बलगम आसानी से बाहर निकल जाता है। जिससे रिलैक्स महसूस होता है।

गुड़ का सेवन:

पॉल्यूशन के साइड इफ़ेक्ट से बचने में गुड़ भी काफी महत्वपूर्ण है। यह शरीर में मौजूद खतरनाक कण और टॉक्सिन्स को बाहर निकालने में मदद करता है। इसलिए एक गिलास गुनगुने पानी के साथ गुड़ का सेवन बहुत ही लाभकारी है।

शहद के फायदे:

शहद में अनेक औषधीय गुड़ होते होते है जो शरीर के लिए फायदेमंद होते है। वहीं शहद खाने से गले में अटकी प्रदूषण की गंदगी बाहर निकल जाती है। शहद अपने साथ गंदगी को पेट में ले जाता है, जहां से वह अन्य वेस्ट मटेरियल के साथ शरीर से बाहर निकल जाती है। शहद खाने से फेफड़ों व सांस की नली की सूजन भी खत्म होती है।

एंटी इंफ्लामेन्ट्री फूड्स:

इसके अलावा बहुत सारी एंटी इंफ्लामेन्ट्री फूड्स होते है जो प्रदूषण से प्रभावित होने पर लंग्स का बचाव करते है जिसमें ग्रीन टी, अदरक, हल्दी, ऑलिव, ब्रोकली, अखरोट जैसे फ़ूड को शामिल कर सकते है।

एयर प्यूरीफायर:

इसके अलावा आजकल मार्केट में बहुत सारे एयर प्यूरीफायर भी उपलब्ध हो गए जिन्हें अपने घर में लगा सकते हैं।

 

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