Rain In Haryana: हरियाणा के कई जिलों में सोमवार सुबह बारिश ने ऐसी दस्तक दी, जिससे अन्नदाता किसानों की परेशानी दोगुनी हो गई है। मंडी में धान लेकर पहुंचे किसानों को काफी नुकसान हुआ है। तो वहीं आढ़तियों की लापरवाही भी सामने आई है।Rain In Haryana
हरियाणा में धान का सीजन अपने पीक पर है। किसान अपनी फसल को मंडियों में लेकर पहुंच रहे हैं। लेकिन आज तड़के बादल ऐसे गरजे की किसानों के चेहरे पर चिंता की लकीरें खींच दी। घने काले बादलों के साथ हरियाणा के कई जिलों में जोरदार बारिश हुई। किसानों का सोना भीग गया। जगाधरी की नई अनाज मंडी में रखी धान की बोरिया पानी की भेंट चढ़ गई और जो किसान मंडी में धान को बेचने के लिए आए थे उनकी धान में नमी आ गई। किसानों के पास अब नुकसान में धान बेचने के अलावा और कोई विकल्प नहीं बचा है।
Read Also: गजेंद्र सिंह शेखावत मानहानि केस: गहलोत ने कभी यह नहीं कहा कि शेखावत के खिलाफ FIR दर्ज हुई है – गहलोत वकील
छछरौली मार्केट कमेटी के सचिव ऋषिराज ने बताया कि कल तक जो भी धान अनाज मंडी में था उसकी लिफ्टिंग कर दी गई थी। लेकिन आज जो बारिश हुई है उससे पहले ही किसानों की फसलों को पूरी तरह से कवर कर दिया गया था। हल्की-फुल्की जो धान भीगी है उसे जल्द सुखाकर खरीद लिया जाएगा।
छछरौली मार्केट कमेटी के सचिव ने कहा कि हालांकि मौसम विभाग ने तीन दिन पहले ही भारी बारिश का अलर्ट जारी कर दिया था। लेकिन यह किसानों की मजबूरी है कि उन्हें फसल काटने के बाद मंडी में धान बेचने के लिए आना पड़ रहा है। क्योंकि उनके पास स्टोरेज की कोई व्यवस्था नहीं है। लेकिन इस बारिश से सरकार को नहीं बल्कि किसानों को नुकसान हुआ है। क्योंकि नमी की वजह से आढ़ती भी धान लेने से कतराते हैं। तो दूसरी तरफ किसानों की खड़ी फसल भी भीग गई है जिसे उनको काटने के लिए कई दिन का इंतजार भी करना पड़ेगा।
वहीं पानीपत समेत आसपास के कई इलाकों में सुबह-सुबह बारिश आने से मंडियों में पड़ी धान की फसल गीली हो गई | इससे धान में नमी आने के कारण किसानो की परेशानी और बढ़ गई हैं । कई किसानो का कहना है कि उनकी धान 30-40 फीसद तक खराब हो गई है । वो पहले ही कई कई दिनों से मंडी में पड़े हैं और अब ये बारिश अरमानों पर आफत बनके बरस गई। जिनकी धान की क्वालिटी पहले से ही कमजोर हैं उनकी चिंता का तो ठिकाना ही नहीं, कि वो अब क्या करेंगे।