( अवैस उस्मानी )- शराब नीति मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान जांच एजेंसी ED ने कहा कि हम आम आदमी पार्टी को आरोपी बनाने पर विचार कर रहे हैं। जांच एजेंसी ED ने शराब नीति मामले में आरोपी दिल्ली के पूर्व उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की ज़मानत याचिका पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट को ये जानकारी दी है।
आपको बता दें, सुप्रीम कोर्ट ने ED से सवाल पूछा कि मनीष सिसोदिया के खिलाफ चार्जेज पर अब तक बहस शुरू क्यों नहीं हुई? किसी को इस तरह आप अनिश्चितकाल तक जेल में नहीं रख सकते? सुनवाई के दौरान ED ने कहा कि मनीष सिसोदिया वित्त और आबकारी दोनों मंत्रालय देख रहे थे, मामले में मुख्य खिलाड़ी मनीष सिसोदिया और विजय नायर हैं, सिसोदिया सीधे तौर पर मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े हुए हैं। ED ने कहा कि शराब नीति मामले में बड़े पैमाने पर डिजिटल और अन्य साक्ष्यों को मिटाया गया। शराब नीति में आरोपी मनीष सिसोदिया की ज़मानत का मामले में सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस SVN भट्टी किया।
मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान ED ने कहा कि मनीष सिसोदिया ने अपना फोन तब बदला जब LG ने CBI के पास मामले की शिकायत भेजी, सिसोदिया यह फोन 11 महीने से इस्तेमाल कर रहे थे।ED ने कहा कि अगर सिसोदिया को जमानत दी जाती है तो वह सबूतों से छेड़छाड़ कर सकते हैं क्योंकि कई मोबाइल फोन और सिम अभी भी सिसोदिया के कब्जे में हैं क्योंकि वह अब तक गायब हैं, सिसोदिया ने उन फोन के बारे में पूछताछ के दौरान भी कुछ नहीं बताया। ED ने कहा कि विजय नायर के साथ सिसोदिया की बात और मुलाकात का रिकॉर्ड है, कई ऐसे सबूत हैं जो सिसोदिया और विजय नायर के बीच सांठगांठ की पुष्टि करते हैं।
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कोर्ट ने पूछा कि इस नई आबकारी नीति में कमीशन बढ़ाने का फायदा तो चार वर्ग में बंटा। फायदा शराब निर्माता, थोक विक्रेता, खुदरा विक्रेता और चौथा सरकार या सरकारी कंपनी।ED की तरफ़ से एएसजी राजू ने कहा कि इस पूरे प्रकरण में 405 करोड़ रुपए का लेनदेन है। कोर्ट ने पूछा कि भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम की धारा 17 A में ये मामला कैसे आता है? क्योंकि इस धारा का दायरा तो काफी सीमित है। वो रिश्वत से संबंधित है जबकि ये तो नीति संबंधित मामला है। राजू ने कहा कि 192 करोड़ के मुनाफे की बंदरबांट हुई।
सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान ED ने कहा कि महेंद्रू, दिनेश अरोड़ा और विजय नायर के साथ भी सिसोदिया के सीधे संपर्क और नई नीति में सीधा दखल रहा है। ED की तरफ से ASG राजू ने कोर्ट को मनीष सिसौदिया और विजय नायर के बीच निकटता का हवाला दिया। ED ने आरोप लगाया कि नई आबकारी नीति में प्रस्तावित बदलाव शराब बाजार में सुधार का एक साधन नहीं था, बल्कि कुछ निजी कंपनियों के लिए अत्यधिक मुनाफा सुनिश्चित करने का एक तरीका था।।ED ने कहा कि लाभ मार्जिन को 5% से बढ़ाकर 12% करने का भी कोई औचित्य नहीं है,कैबिनट की बैठक के मिनटों में इसका कोई ज़िक्र नहीं है।ED ने कहा कि 12% मार्जिन के कारण खुदरा विक्रेता की लागत 12% बढ़ गई, जो उपभोक्ता से वसूल की जाने वाली राशि में बदल गई। ED ने कहा कि पॉलिसी अवधि के लिए इंडोस्पिरिट का 12% लाभ मार्जिन 192 करोड़ रुपये था, पूरी कोशिश की गई कि इंडोस्पिरिट को ही यह मिले। जस्टिस खन्ना ने कहा कि 12% और 5% के बीच के अंतर को आपके द्वारा अपराध की आय के रूप में दर्शाया गया है। सुप्रीम कोर्ट में मनीष सिसोदिया की ज़मानत पर कल भी सुनवाई जारी रहेगी।