Rajya Sabha : राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश ने गुरुवार को बेंगलुरु स्थित विधान सौध में आयोजित 11वें कॉमनवेल्थ पार्लियामेंट्री एसोसिएशन (CPA) भारत क्षेत्रीय सम्मेलन के उद्घाटन सत्र को संबोधित किया। अपने संबोधन में उपसभापति ने कहा कि विकसित भारत के लक्ष्य को प्राप्त करने में विधायिका की महत्वपूर्ण भूमिका है।
इसके लिए उभरते क्षेत्रों में, नीति निर्माण में, विधायिका की भागीदारी भी आवश्यक है। यह तभी संभव है, जब संवाद और गंभीर विचार-विमर्श को बढ़ावा मिले। सभी पक्षों में देश के निर्णायक मुद्दों पर आम सहमति बने। पर, बार-बार होने वाले व्यवधान, इस कार्य में बड़ी बाधा हैं.Rajya Sabha Rajya Sabha Rajya Sabha Rajya Sabha Rajya Sabha
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इस दिशा में उन्होंने सभी दलों के बीच 2047 तक विकसित भारत जैसे अन्य महत्वपूर्ण मुद्दों पर आम सहमति का आवाहन किया। साथ ही साथ उन्होंने ऐसे मुद्दों पर विधायिका में आम सहमति से लंबी और सार्थक चर्चा की जरूरत बताया। पूर्व में भी कई पीठासीन अधिकारियों ने इस बात की ओर इशारा किया है।
हरिवंश ने कहा कि “हमारे विधायी संस्थानों ने जनविश्वास स्थापित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। हमने सामाजिक और आर्थिक प्रगति में उल्लेखनीय उपलब्धियां भी हासिल की हैं। पर, यह आत्मचिंतन का विषय है कि क्या आज की बहसें आम जनता की अपेक्षाओं और जरूरतों को पूरा कर रही हैं?.Rajya Sabha
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उन्होंने तकनीक, जलवायु परिवर्तन और बुनियादी ढांचे जैसे क्षेत्रों में अधिक संवाद की आवश्यकता पर भी बल दिया। उन्होंने कहा कि विधायिका की यह भी भूमिका है कि वह पुराने कानूनों की समीक्षा करे, नियमन की निगरानी करे। उन्होंने इसके लिए एक आम सहमति का आह्वान किया।
राजनीतिक-आर्थिक नीतियों पर राज्यों की विधानसभाओं में भी नियमित चर्चा को जरूरी भी बताया।उद्घाटन सत्र में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया, और कर्नाटक विधानसभा के अध्यक्ष ने भी संबोधित किया। इस आयोजन में देश भर के विधानसभाओं से जुड़े पीठासीन पदाधिकारी व अधिकारी भाग ले रहे हैं.Rajya Sabha
