देश में राम राज्य लाने के लिए राम मंदिर आंदोलन शुरू किया गया था – वीएचपी उपाध्यक्ष ओम प्रकाश सिंघल

Ram Mandir News: विश्व हिंदू परिषद के उपाध्यक्ष ओम प्रकाश सिंघल ने गुरुवार को कहा कि देश में राम राज्य लाने के लिए राम मंदिर आंदोलन शुरू किया गया था।ओम प्रकाश सिंघल ने पीटीआई वीडियो को दिए इंटरव्यू में कहा कि वीएचपी ने पूज्य संतों के मार्गदर्शन में ये आंदोलन शुरू किया था।सिंघल ने कहा, “संतों की एक उच्चाधिकार प्राप्त समिति बनाई गई थी जो निर्णय लेती थी। एक राम जन्मभूमि मुक्ति यज्ञ समिति थी जहां प्रस्ताव दिए जाते थे और फिर एक केंद्रीय मार्गदर्शक मंडल होता था और यदि कोई बड़ा विषय था तो उसे धर्म संसद की तरफ से विचार के बाद पारित किया गया।”उन्होंने दिल्ली के संकट मोचन मंदिर आश्रम के महत्व के बारे में बताते हुए कहा कि ये आश्रम अशोक सिंघल और आचार्य गिरिराज किशोर का निवास स्थान था।

सिंघल ने कहा, “सभा कक्ष में बड़ी-बड़ी बैठकें होती थीं, वहां एक ध्यान कक्ष भी था और संकट मोचन हनुमान जी हमें आशीर्वाद देने के लिए हमेशा वहां मौजूद रहते थे।”राम मंदिर आंदोलन पर सिंघल ने कहा कि तत्कालीन सरकार की तरफ से शिलान्यास की जगह बदलने और तारीख बदलने का काफी दबाव था। लेकिन नेतृत्व अपने संकल्प पर अड़ा रहा।उन्होंने कहा कि संतों ने राम मंदिर आंदोलन के माध्यम से जाति के आधार पर बिना किसी भेदभाव के हिंदुओं को एकजुट करने का सपना देखा था।

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सिंघल ने कहा कि इस देश में राम राज्य लाने के लिए राम मंदिर की शुरुआत की गई है, ये सपना संतों ने देखा था जो अब साकार हो रहा है।उन्होंने कहा कि कुछ लोग देश को जाति के नाम पर बांट रहे हैं और ‘रावण-राज्य’ वापस लाना चाहते हैं।सिंघल ने ये भी कहा कि अच्छे लोगों को एकजुट होना चाहिए, बुरी विचारधाराएं खत्म होनी चाहिए और लोगों को देश में सुरक्षित महसूस करना चाहिए। Ram mandir,पांच वार्षीय बालक के रुप में गर्भगृह में विराजेंगे रामलला, श्रेष्ठतम मूर्ती..

“देश में राम राज्य लाने के लिए राम मंदिर आंदोलन शुरू किया गया था। विश्व हिंदू परिषद ने पूज्य संतों के मार्गदर्शन में ये आंदोलन चलाया। संतों की एक उच्चाधिकार प्राप्त समिति बनाई गई थी जो निर्णय लेती थी। एक राम जन्मभूमि मुक्ति यज्ञ समिति थी जहां प्रस्ताव दिए जाते थे और फिर एक केंद्रीय मार्गदर्शक मंडल होता था और यदि कोई बड़ा विषय था तो उसे धर्म संसद की तरफ से विचार के बाद पारित किया गया। संकट मोचन आश्रम, अशोक सिंघल और आचार्य गिरिराज किशोर का निवास स्थान था। सभा कक्ष में बड़ी-बड़ी बैठकें होती थीं, वहां एक ध्यान कक्ष भी था और संकट मोचन हनुमान जी हमें आशीर्वाद देने के लिए हमेशा वहां मौजूद रहते थे।”

(Source PTI)

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