Paytm Payments Bank Crisis: रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने सोमवार को कहा कि पेटीएम पेमेंट्स बैंक के खिलाफ की गई कार्रवाई की समीक्षा के लिए शायद ही कोई जगह है। उन्होंने कहा कि आरबीआई गहराई से जांच करने के बाद ही विनियमित संस्थाओं के खिलाफ कार्रवाई करता है।शक्तिकांत दास अंतरिम बजट के बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के साथ आरबीआई बोर्ड की बैठक के बारे में बता रहे थे।पेटीएम पेमेंट्स बैंक को 29 फरवरी के बाद किसी भी ग्राहक के खाते, प्रीपेड इंस्ट्रूमेंट्स, वॉलेट, फास्टटैग और नेशनल कॉमन मोबिलिटी कार्ड में जमा करने या टॉप-अप स्वीकार नहीं करने का निर्देश दिया गया है।इसका सीधा असर पेटीएम ऐप से जुड़े डिजिटल वॉलेट और फास्ट टैग पर पड़ेगा। पूरे देश में बड़ी संख्या में लोग इनका इस्तेमाल करते हैं।
हालाकि आरबीआई ने 29 फरवरी के बाद भी ब्याज जमा करने, कैश-बैक या रिफंड की इजाजत दी है।आरबीआई ने मार्च 2022 में पीपीबीएल को तत्काल प्रभाव से नए ग्राहक जोड़ने से रोक दिया था।रिजर्व बैंक इस हफ्ते पेटीएम मामले पर ग्राहकों की चिंता दूर करने के लिए एफएक्यू या अक्सर पूछे जाने वाले सवालों के जवाब का सेट जारी करेगा।
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शक्तिकांत दास, आरबीआई गवर्नर: ये सभी उपाय जानना बेहद जरूरी हैं। ये जी20 के मकसद के अनुरूप है। भारत की अध्यक्षता में सभी देशों के लिए डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर की भूमिका के लिए सहमति बनी थी। भारत ने डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर को बढ़ावा देने में अग्रणी भूमिका निभाई है। यूपीआई या कोविन जैसे कई डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर इसके उदाहरण हैं।आरबीआई फिनटेक सेक्टर को समर्थन देता रहा है। इसका मकसद है कि फिनटेक का ज्यादा से ज्यादा विकास हो। लेकिन हम ग्राहकों के हितों की रक्षा, वित्तीय स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए भी प्रतिबद्ध हैं।”
(SOURCE PTI)