आज महाशिवरात्रि है हर तरफ शिव की गूंज है… सब कुछ शिवमय है शिव भक्ति में भक्त सराबोर है लोगों को इसी दिन का बड़ी ही बेसब्री से इस दिन का इंतजार था। लाखों लोगों ने व्रत रखा है। व्रत ऱकने वालें में देखा जाय तो महिलाओं की संख्या जादा होती है ऐसे वो व्रत में खाने के लिए साबूदाने की खिचड़ी खाना जादा पसंद करती है लेकिन खिचड़ी बनाने नें मुश्किलें भी आती हैं एक मुश्किल जो कई लोगों को झेलनी पड़ती है वो है कि ये चिपचिपी बन जाती है। इसको खिला-खिला बनाना मुश्किल होता है।तो आज आपको बताएंगे खिली-खिली खिचड़ी बनाने के
साबूदाना को अच्छी तरह से भिगो दें
साबूदाना खिचड़ी बनाने का सबसे पहला चरण होता है उसको भिगोना। साबूदाने को सही तरीके से भिगोना सबसे जरूरी होता है। साबूदाना को थोडे से पानी में धोकर 4-5 घंटे के लिए भिगो कर रख दीजिए। फिर इसका बचा हुआ पानी निकाल दें और और साबूदाना को 15-20 मिनट के लिए छलनी में ही रहने दें ताकि इसका बचा हुआ पानी भी पूरी तरह से निकल जाए।
धीमी आंच पर पकाएं
साबूदाने की खिचड़ी को धीमी आंच पर ही पकाना चाहिए ताकि वह अच्छे से पके। धीमी आँच पर पकाने से यह सुनिश्चित होता है कि साबूदाना समान रूप से पकते हैं और आपस में चिपकते भी नही है।
नॉन-स्टिक पैन का इस्तेमाल करें
नॉन-स्टिक पैन का उपयोग करने से साबूदाना को नीचे से चिपकने से रोकने में मदद मिल सकती है, और इसे जलने से भी रोका जा सकता है। यदि आपके पास नॉन-स्टिक पैन नहीं है, तो सुनिश्चित करें कि आप खिचड़ी को चिपकने से रोकने के लिए थोड़ी-थोड़ी देर में चलाते रहें।
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खिचड़ी को ज्यादा न पकाएं
साबूदाना को ज्यादा पकाने से यह चिपचिपा भी हो सकता है, इसलिए इसे पकाते समय इस बात का ध्यान रखें और बीच-बीच में चेक करते रहें। साबूदाना को ज्यादा पकाने से डिश चिपचिपी हो जाती है।
आलू और भुनी हुई मूंगफली डालें
साबूदाना पकाते समय थोड़ी मात्रा में आलू डालने से यह चिपचिपा होने से बच जाता है। आलू का स्टार्च अतिरिक्त नमी को सोख लेता है दूसरी तरफ, भुनी हुई मूंगफली का तेल साबूदाने के दानों पर लग जाता है और उन्हें आपस में चिपकने से रोकता है। तो आप भी इस बार व्रत में इस तरीके से साबूदाना खिचड़ी बनाएं।