bihar caste census:(आकाश शर्मा)बिहार की राजनीति में जातीय जनगणना का बड़ा मुद्दा बन गया हैं। बिहार की नीतीश कुमार सरकार ने जातीय जनगणना करना शुरु कर दिया था,लेकिन पटना हाई कोर्ट 4 मई के फैसले में इस पर रोक दी। इसी पर बिहार सरकार सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर दी और मामले पर तुरंत सुनवाई की अपील की थी। सुप्रीम कोर्ट ने 18 मई को इस मामले पर सुनवाई की जिस पर पटना हाई कोर्ट के फैसले को रोक लगाने से मना कर दिया।
4 मई के पटना हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ बिहार सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में कहा था कि जाति जनगणना पर रोक से पूरी कवायद पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा। राज्य सरकार ने यह भी कहा कि जाति आधारित डेटा का संग्रह आर्टिकल 15 और 16 के तहत एक संवैधानिक जनादेश हैं।
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संविधान का आर्टिकल 15 कहता है कि राज्य धर्म , जाति , नस्ल , लिंग , जन्मस्थान पर एसी किसी में नागरिको के साथ कोई भेदभाव नही करेगा । आर्टिकल 16 नागरिको को सामान अवसर उपलब्ध होंगे । सरकार ने अपने जवाब में सरकार ने कहा जनगणना की 90 प्रतिशत काम पूरा हो गया । तो इस पर लगी रोक हट जाए, तो इससे किसी को कोई दिक्कत नही होगी।
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