राजनीतिक गलियारों में सियासत लगातार गर्माती नजर आ रही है। हाल ही में तवांग में हुई सैनिक झड़प को लेकर विपक्ष हावी होता नजर आ रहा है। इसी कड़ी में बुधवार सुबह कांग्रेस सांसद सोनिया गांधी और अन्य विपक्षी नेताओं ने तवांग में भारत-चीन फेसऑफ पर चर्चा की मांग करते हुए संसद परिसर के अंदर गांधी प्रतिमा के सामने विरोध प्रदर्शन किया। वहीं विपक्षी सांसदों के हंगामे के बीच लोकसभा की कार्यवाही को भी दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गया। National News In Hindi
कांग्रेस सांसद पी. चिदंबरम ने कहा कि हम चीन पर चर्चा चाहते हैं। घुसपैठ क्यों नहीं रोकी जा रही है? हम सिर्फ यह जानना चाहते हैं कि तैयारियों का स्तर क्या है, चीनी सैनिकों के साथ 16 दौर की बातचीत में पीएलए ने क्या हासिल किया, प्रधानमंत्री ने बाली में चीनी राष्ट्रपति शी से क्या कहा?
कांग्रेस सांसद शशि थरूर कि विपक्ष संसद में भारत-चीन सीमा विवाद पर बातचीत की मांग कर रहा है। सरकार लोगों के लिए जवाबदेह है, हम सब देश की रक्षा के लिए खड़े हैं। सीमा पर क्या स्थिति है, जून 2020 में हमारे 20 जवान क्यों मारे गए थे? ये पता होना चाहिए।
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हालांकि हंगामे के बाद से सत्ता पक्ष में ने भी नाराज़गी जाहिर करते हुए विपक्ष पर निशाना साधा केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि नकली कांग्रेस को बीच-बीच में महात्मा गांधी याद आते हैं ये अच्छी बात है। मैं उन्हें याद दिलाना चाहता हूं कि उनके कार्यकाल में क्या हुआ था, हमने क्या खोया था? नेहरू जी के कारण कितनी जमीन हमने खोई थी, कितना पाया था, उन्हें इसकी जानकारी निकाल लेनी चाहिए।
केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा है कि 2008 में चीनी राष्ट्रपति जब भारत आए थे तब भी हमने चर्चा की मांग की तब भी यही कहा गया। आडवाणी जी उस वक्त विपक्ष के नेता थे उन्होंने इस पर हामी भरी थी कि इसे बिना उजागर किए सुलझाया जाए। आज वही कांग्रेस बार-बार इसे चर्चा में लाने की मांग कर रही है। 2005 में जब हम विपक्ष में थे और बॉर्डर के विषय को उठाया था तब प्रणब दादा और प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने मुझे बुलाकर कहा था कि भारत-चीन सीमा के मुद्द संवेदनशील होते हैं। उसे उजागर न करके आंतरिक रूप से निपटना चाहिए।