Shiromani Akali Dal– शिरोमणि अकाली दल नेता दलजीत सिंह चीमा ने कहा कि पंजाब सरकार संवैधानिक संकट पैदा कर रही है, ताकि वो पीड़ित कार्ड खेल सके और राष्ट्रीय स्तर पर सहानुभूति हासिल कर सके। राज्यपाल ने संकेत दिया कि वे चिट्ठियों का जवाब नहीं मिलने से परेशान हैं। उन्होंने पंजाब के मुख्यमंत्री से कहा कि वे राज्य में “संवैधानिक तंत्र की विफलता” पर राष्ट्रपति को एक रिपोर्ट भेज सकते हैं। राज्यपाल पुरोहित ने मुख्यमंत्री भगवंत मान को अपना “अंतिम फैसला” लेने से पहले संविधान के अनुच्छेद 356 और भारतीय दंड संहिता की धारा 124 के तहत कार्रवाई करने की सलाह दी है।
दलजीत सिंह चीमा ने कहा, “पंजाब के मुख्यमंत्री को राज्यपाल के आरोपों का जवाब देना चाहिए था। ये केजरीवाल का भगवंत मान को आदेश है, ताकि वे राष्ट्रीय स्तर पर सहानुभूति हासिल कर सकें। क्योंकि केजरीवाल दिल्ली अध्यादेश मामले में विफल रहे हैं। संवैधानिक संकट पैदा करके वे अपनी जिम्मेदारियों से बच रहे हैं। पंजाब के लोग समझदार हैं और अगर सरकार अपनी जिम्मेदारियों से भागती रही तो पंजाब के लोग अगली बार उन्हें वोट नहीं देंगे।”
चीमा राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित की उस चेतावनी का जिक्र कर रहे थे जिसमें उन्होंने कहा था कि अगर उनकी चिट्ठियों का जवाब नहीं दिया गया तो वे राज्य में राष्ट्रपति शासन की सिफारिश कर सकते हैं और आपराधिक कार्रवाई भी शुरू कर सकते हैं।
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ताजा चिट्ठी में राज्यपाल ने दावा किया कि उन्हें पंजाब में बड़े पैमाने पर नशीली दवाओं के बेजा इस्तेमाल पर अलग-अलग एजेंसियों से रिपोर्ट मिली है।
राज्यपाल ने संकेत दिया कि वे पिछली चिट्ठियों का जवाब नहीं मिलने से परेशान हैं। उन्होंने पंजाब के मुख्यमंत्री से कहा कि वे राज्य में “संवैधानिक तंत्र की विफलता” पर राष्ट्रपति को एक रिपोर्ट भेज सकते हैं। राज्यपाल पुरोहित ने मुख्यमंत्री भगवंत मान को अपना “अंतिम फैसला” लेने से पहले संविधान के अनुच्छेद 356 और भारतीय दंड संहिता की धारा 124 के तहत कार्रवाई करने की सलाह दी।
पंजाब में सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी ने राज्यपाल की “धमकी” पर फौरन प्रतिक्रिया देते हुए केंद्र से मणिपुर और हरियाणा में राष्ट्रपति शासन लगाने को कहा। लेकिन शिरोमणि अकाल दल ने आप पर जानबूझकर ”टकराववादी रवैया” अपनाने का आरोप लगाया है।