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उत्तरकाशी में बनाई जा रही सिल्क्यारा सुरंग का कुछ हिस्सा 12 नंवबर को ढहने से 41 मजदूर अंदर मलबे के बीच फंस गए। इनमें उत्तर प्रदेश के श्रावस्ती जिले में रहने वाले छह मजदूर भी शामिल हैं।पिछले 15 दिनों से फंसे मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकालने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया जा रहा है। हालांकि इसमें काफी मुश्किलें भी आ रही हैं। मजदूरों के परिवार वालों की चिंता लगातार बढ़ती जा रही है।सुरंग के अंदर फंसे मजदूरों के परिवार वाले उनकी सुरक्षित और जल्द वापसी के लिए गांव के मंदिर में देवी दुर्गा से प्रार्थना कर रहे हैं।चल रहे प्रार्थनाओं के दौर के बीच सुरंग में फंसे मजदूरों के परिवार वाले अपनी उम्मीद और हौसले को बरकरार रखने की पूरी कोशिश कर रहे हैं। हालांकि ऐसा करना उनके लिए आसान नहीं है। वे आस को टूटने नहीं देना चाहते। वे रेस्क्यू ऑपरेशन जल्द से जल्द खत्म होने और खुशखबरी मिलने की आस लगाए हैं।
दिव्यांश, सुरंग के अंदर फंसे मजदूर के बेटे: उम्मीदें तो बहुत हैं। कहते हैं कि निकल जाएंगे, बीच में सरिया-लोहा फंस जाता है, फिर बहुत टाइम लगता है। एक दिन होता है, दो दिन होता है, टाइम बीतता ही जा रहा है, तो घर वाले भी परेशान हो जाते हैं। जब निकलने का होता है तब सब लोग खुश हो जाते हैं, बाद में पता चलता है कि ये हो गया है तो सब दुखी हो जाते हैं।परसों के बाद पापा ने कोई मैसेज वगैरह दिया हां, दिया कि परेशान न होना। हम आ जाएंगे, चिंता मत करना, हम लोग सही सलामत हैं, आ जाएंगे, बस हम लोग फंसेंगे टनल में।
(Source PTI )