भीलवाड़ा- रक्षाबंधन का त्योहार नजदीक आने के साथ ही राजस्थान में भीलवाड़ा जिले की एक गौशाला गाय के गोबर से अनोखी राखियां बना रही है। कोटरी गांव में श्री देव नारायण गौशाला ये पर्यावरण-अनुकूल राखियां बना रही है। राखियों में प्लास्टिक नहीं है, लिहाजा टूटने पर ये खाद में बदल जाती हैं। भीलवाड़ा
देव नारायण गौशाला प्रबंधक गोपाल लाल ने बताया कि “गोबर से अनेक प्रकार की चीजें बनाई जाती हैं, तो इस प्रकार हमने भी सोचा कि दीपावली पर दीपक बनाए जाते हैं और हमने सोचा कि क्यों न रक्षाबंधन पर राखियां बनाई जाएं। हमने पता किया कि राखियां की डाई भी बनती है, हमने पता किया और नागपुर से मंगवाई और बाकी सांचों में हमने गोबर डाला तो राखी बनकर तैयार हो गईं।” राखियों की मांग बढ़ने के साथ ही कारीगरों की संख्या दो से बढ़कर एक दर्जन तक पहुंच गई है।
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उन्होंने कहा “हमारा अब तक का लक्ष्य है 10,000 राखियां बनाएं। हमारे पास ऑर्डर सूरत के आ गए हैं, मुंबई के आ गए हैं, पुणे का आ गया है, वहां तक तो हमने राखियां भिजवा दी हैं, कोटा है, बूंदी है, टोक है, राजस्थान में भी बहुत सारे क्षेत्र हैं जहां से ऑर्डर आ चुके हैं और हमने बहुत सी जगह माल भिजवा चुके हैं और अभी चल भी रहा है।”
रक्षा बंधन त्योहार में बहनें अपने भाइयों की कलाई पर धागा बांधती हैं। इस तरह भाई-बहनों के बीच प्यार और सुरक्षा के बंधन का जश्न मनाया जाता है। इस साल रक्षाबंधन 30 अगस्त को मनाया जाएगा।
( PTI )