मध्य प्रदेश का ऐसा मतदान केंद्र जहां सिर्फ नाव से पहुंचा जा सकता है

MP State Election:ये झंडाना और चमेली दो हमारे मतदान केंद्र है। जोकि नर्मदा के बैकवाटर में है। जब सरदार सरोवर बना तब से यहां बैकवाटर बढ़ा है। तब उन गांव तक पहुंचने के लिए पीछे की तरफ से एक रास्ता है परन्तु वो रास्ता बहुत दूर होते हुए करीब चार-पांच किलोमीटर चलकर जाना पड़ता है।और जो नर्मदा के बैकवाटर के थ्रू जो रास्ता है वो आधा किलोमीटर पड़ता है लेकिन उसमें नाव से जाना पड़ता है। अधिकतर गांववासी जो हैं उसी रास्ते का प्रयोग करते हैं। परन्तु अभी पानी बहुत गिरा है सितंबर में तो वहां काफी पानी भरा हुआ है।अभी हम लोगों ने कुछ दिन पहले भी ऑब्जर्वर के साथ उसको देखने गए थे। वहां लगभग 760 मतदाता है महिला-पुरुष दोनों। और पहाड़ी है उसमें वोग बाग अभी भी रहते हैं। अंदर जाकर आप देखे तो काफी लोग वहां रहते हैं। वहां मतदान केंद्र बनाया गया है। हम उनको अच्छे से वोटिंग कराएंगे। पिछले बार भी वहां लगभग 60-62 फीसदी मतदान हुआ था।

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मध्य प्रदेश के अलीराजपुर जिले के सबसे दुर्गम मतदान केंद्रों में एक है झंडाना गांव।यहां आने-जाने का सबसे लोकप्रिय साधन है नाव। जाहिर है चुनाव अधिकारियों को इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों के साथ यहां तक पहुंचने के लिए परेशानियों भरा सफर करना होगा।जब से नर्मदा नदी पर सरदार सरोवर बांध बना, डूब इलाके में पड़ने वाला ये गांव दुनिया से कट गया।बारिश के दिनों में अक्सर गांव के चारों ओर पानी भर जाता है, जिससे वहां पहुंचना और मुश्किल हो जाता है।विडंबना ये है कि पानी से घिरा होने के बावजूद गांव में पीने के पानी का भारी संकट है। गांव वालों के मुताबिक गर्मी में तो हालत और बदतर हो जाते हैं।गांव में आदिवासी समुदायों के करीब 1,000 लोग रहते हैं। इन्होंने बांध में डूबने के बावजूद अपनी मातृभूमि को नहीं छोड़ने का फैसला किया है। यहां के लोगों के मुताबिक जब भी कोई चुनाव होता है तो गांव के चारों ओर राजनैतिक दलों के झंडे-पोस्टर वगैरह दिखने लगते हैं। लेकिन कोई उम्मीदवार गांव में वोट मांगने तक नहीं आता है।

( Source PTI )

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