(प्रियांशी श्रीवास्तव) : उत्तर प्रदेश के वाराणसी ज्ञानवापी परिसर से जुड़ा मामला लगातार चर्चा का विषय बना हुआ। कई दिनों से कार्बन डेटिंग की मांग की जा रही है। इस मामले से जुड़ी कई याचिकाएं भी दाखिल की गई। हालांकि उन याचिकाओं को कोर्ट की तरफ से खारिज कर दिया गया था। लेकिन इसी बीच सुप्रीमकोर्ट ने मामले को एक बार फिर संज्ञान मे लिया है। ज्ञानवापी श्रृगांर गौरी परिसर में शिवलिंग के संरक्षण की पर सुनवाई करने का फैसला किया है। सुप्रीम कोर्ट वाराणसी में ज्ञानवापी में सर्वे के दौरान मिले शिवलिंग की सुरक्षा का मामले में शुक्रवार यानि आज लगभग 3 बजे के करीब में मामले की सुनवाई करेगा।
भारत के नए मुख्यन्यायधीश डीवाई चंद्रचूड़ , न्यायमूर्ति हेमा कोहली और न्यायमूर्ति जेबी पारदी वाला की पीठ ने कहा कि वह इस मामले की सुनवाई के लिए शुक्रवार को एक पीठ का गठन करेंगे। बता दें कि शिवलिंग की सुरक्षा का अंतरिम आदेश 12 नवंबर को समाप्त हो रहा है। भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति हेमा कोहली और न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला की पीठ ने कहा कि वह इस मामले की सुनवाई के लिए शुक्रवार को वह एक पीठ का गठन करेंगे। Big breaking,
सुप्रीम कोर्ट ने शिवलिंग की सुरक्षा के मामले पर दोपहर 3 बजे सुनवाई तय की है। सुप्रीम कोर्ट ने पिछले आदेश में वाराणसी के जिला मजिस्ट्रेट को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया था कि मस्जिद के अंदर जिस स्थान पर ‘शिवलिंग’ मिला है, उसे सुरक्षित रखा जाए। ज्ञानवापी मामले में हिंदू पक्ष की ओर से याचिका डाली गई थी जिसमे मुख्य रूप से 6 महिलाए शामिल है। उनकी मांग है कि परिसर में स्थित श्रृगांर गौरी की पूजा की अनुमती दी जाए और मुसलमानों के प्रवेश पर रोक लगई जाए साथ ही मस्जिद में बने गूबंदो को गिराया जाए।इन मागों के बाद से लगातार मामला परत दर परत गहराता गया जिस पर कई बार कोर्ट में सुनवाई भी हुई लेकिन नतीजा कुछ नहीं निकला। देखना होगा कि सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के बाद फैसला क्या होगा। Big breaking,
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बता दें कि ज्ञानवापी को लेकर शीर्ष कोर्ट ने यह भी आदेश दिया था कि इससे मुसलमानों के नमाज अदा करने का अधिकार प्रभावित नहीं होना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने वाराणसी के जिला न्यायाधीश को निर्देश दिया था कि वह मामले को खारिज करने की मांग करने वाली ज्ञानवापी मस्जिद की अंजुमन इंतेजामिया मस्जिद समिति के आवेदन पर फैसला करें। समिति ने कहा था कि पूजा स्थल अधिनियम के तहत ज्ञानवापी केस दायर नहीं किया जा सकता।
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