(अजय पाल) – इस साल स्वतंत्रता के 75 वर्ष पूरे होने पर आजादी का अमृत महोत्सव मनाया जा रहा है। भारत के लोग आज रक्षा, शिक्षा, खेल, सिनेमा अंतरिक्ष आदि क्षेत्रों में भारत का नाम देश विदेश में रौशन कर रहे है। गणतंत्र दिवस के अवसर पर इन तोपों का शौर्य देखने को मिलेगा। centurion tank टैंक भारत में ब्रिटिश काल से है। इस टैंक ने 1965 व 1971 में भारत – पाक में हुए भयंकर युध्द में पाकिस्तानी सैनिकों के हालात खराब कर दिए थे। इस टैंक का वजन 50 टन बताया जाता है। इस तोप से निकला गोला लगभग 52 से 100 किलोमीटर तक जाता है।
यह तोप 34.6 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से चलती है। यह 105 मिलीमीटर बैरत वाली तोप है। इस तोप को चार लोग मिलकर चलाते है। Arjun Main Battle Tank भारतीय सेना के पास यह टैंक 2004 से है। यह देश की सेना का मुख्य युध्द टैंक है। देश में इस समय बैरल वाले टैंको की संख्या 141 है। इस समय देश में यह दो वेरियंट्श में उपलब्ध है। पहला एमके, और दूसरा एमके 1 A है । दोनों टैंक एक मिनट में 6से 8 राउंड फायर कर सकते है। एक टैंक में 42 गोले स्टोर किये जा सकते है।
अर्जुन टैंक की रेज 450 किलोमीटटर तक है। इस टैंक ने कई अंतराष्ट्रीय वारगेम्श में भाग लिया है। ऐसा बताया जा रहा है कि इस टैंक को बहरीन व कोलंबिया खरीद सकते है। यह टैंक रात में गोलीबारी करने में सक्षम है। भारतीय सेना में 2019 में शामिल किया गया था। यह बोफोर्श तोप स्वदेशी वर्जन है। वर्तमान समय में सेना के पास 12 धनुष है। सेना ने हाल में 114 धनुष का आर्डर दिया गया है। धनुष को चलाने के लिए 7 से 8 क्रू की जरुरत होता है। इसमे गोले की रेज 38 किलोमीटर तक पहुंच सकता है। यह दुश्मन के बुरी तरह से छक्के छुडा सकती है।
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75/ 24 howitzer यह तोप डीआरडीओ ने बनाया है। यह पहली आर्टिलेरी है। ऐसा बताया गया है कि चीन के साथ भारत ने युध्द हारने क बाद इस तोप को बनाया गया। यह तोप वजन में हल्की लेकिन दूर तक माकर क्षमता वाली तोप है। इस तोप का वजन लगभग 983 किलो ग्राम बताया गया है। आखिरी बार इस तोप का इस्तेमाल कारगिल युध्द में किया गया था।
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