प्रदीप कुमार – सदन में पीठासीन, लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला ने, सत्र के दौरान निरंतर व्यवधान के विषय में कहा कि सदन में अनुचित आचरण और व्यवहार संसद और देश के लिए हितकारी नही है। उन्होंने आगे कहा कि सदन की उच्च कोटि की मर्यादा रही रही है, किन्तु कुछ सांसदों का आचरण सत्र के दौरान ठीक नहीं रहा। सदन के प्रति सदस्यों के दायित्वों का उल्लेख करते हुए बिरला ने कहा कि सदन चर्चा के लिए है और वे हर विषय पर चर्चा करवाना चाहते हैं। उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि वेल में आ कर कुछ सदस्यों द्वारा सदन की गरिमा को गिराना कतई उचित नही है। बिरला ने आगे कहा कि उन्होंने सभी सदस्यों को सदन में बोलने के लिए सदैव पर्याप्त समय एवं अवसर दिया है, और कई बार सदन देर रात्रि तक चला है।
ओम बिरला ने कहा कि अनुचित व्यव्हार सदन और देश की लोकतान्त्रिक मर्यादाओं के लिए हानिकारक है। ओम बिरला ने संसद सदस्यों से अपील करते हुए कहा कि सदन उच्च कोटि की मर्यादाओं का केंद्र रहा है। उन्होंने चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि कुछ सदस्य किसी विषय पर चर्चा नहीं करना चाहते और सदन की कार्यवाही को सुनियोजित रूप से बाधित करते हैं। सत्र में हुए कामकाज के विषय में बिरला ने बताया कि सत्र 31 जनवरी, 2023 को आरंभ हुआ था जिसमें 25 बैठकें हुई, जो लगभग 45 घंटे 55 मिनट तक चलीं।
ओम बिरला ने कहा कि माननीय राष्ट्रपति जी के 31 जनवरी 2023 अभिभाषण के धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा 13 घंटे 44 मिनट तक चली और जिसमें 143 सदस्यों ने भाग लिया। लोक सभा अध्यक्ष ने आगे कहा कि सत्र में माननीय वित्त मंत्री द्वारा केंद्रीय बजट 01.02.2023 को प्रस्तुत किया गया जिस पर सामान्य चर्चा 14 घंटे 45 मिनट तक चली जिसमे वाद-विवाद में 145 सदस्यों ने भाग लिया और वित्त मंत्री ने चर्चा का उत्तर दिया। केंद्र सरकार के मंत्रालयों/विभागों की वित्त वर्ष 2023-24 के लिए अनुदानों की मांगों को सभा द्वारा दिनांक 23 मार्च, 2023 को स्वीकृत किया गया तथा संबंधित विनियोग विधेयक को पारित किया गया। उसके उपरांत सभा द्वारा वित्त विधेयक पारित किया गया।
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उन्होंने आगे कहा कि सत्र के दौरान, 8 सरकारी विधेयक पुर:स्थापित किए गए तथा 06 विधेयक पारित किए गए। ओम बिरला ने बताया कि सत्र के दौरान 29 तारांकित प्रश्नों का मौखिक उत्तर दिया गया। प्रश्न काल के बाद सदस्यों द्वारा अविलंबनीय लोक महत्व के कुल 133 मामले उठाए गए तथा नियम 377 के अधीन कुल 436 मामले लिए गए। उन्होंने उल्लेख किया कि लोक सभा की विभागों से संबद्ध स्थायी समितियों ने 62 प्रतिवेदन प्रस्तुत किए।
सत्र में निदेश 73A के अधीन 14 और संसदीय कार्य मंत्री द्वारा संसदीय कामकाज के संबंध में दिये गये तीन वक्त4व्योंग सहित 23 वक्तव्य दिए गए। सत्र के दौरान 2799 पत्र सभा पटल पर रखे गए। लोक सभा में बजट सत्र के पहले भाग की उत्पादकता 83.80 प्रतिशत रही, जबकि दूसरे भाग की उत्पादकता 5.29 प्रतिशत रही। कुल मिला कर 17वीं लोक सभा के ग्यारहवें सत्र के दौरान सदन की उत्पादकता 34.85 प्रतिशत थी।