दिल्ली के इंडिया गेट पर पिछले 50 साल से जलती आ रही अमर जवान ज्योति की मशाल को शुक्रवार को बुझा दिया जाएगा और इसका एक हिस्सा इंडिया गेट पर आयोजित एक समारोह के दौरान नैशनल वॉर मेमोरियल के साथ विलय कर दिया जाएगा। इसी के साथ अमर जवान ज्योति पर सालों से किया जाने वाला माल्यार्पण कार्यक्रम भी अब पूरी तरह से यहां शिफ्ट हो जाएगा।
इंडिया गेट पर अमर जवान ज्योति को 1971 में भारत-पाकिस्तान के बीच हुए युद्ध के बाद भारतीय वीर सैनिकों की याद में जलाया गया था जिन्होंने युद्ध के दौरान अपने प्राणों का बलिदान किया था। इसका उद्घाटन तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने 1972 के 23वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर किया था। हालांकि, इंडिया गेट का निर्माण इससे पहले हुआ था जिसका निर्माण- कार्य अंग्रेजों द्वारा 1921 शुरू किया गया था और उसका उद्देश्य उन 84,000 के लिए एक स्मारक बनाने का था, जिन्होंने पहले विश्व युद्ध में अपने प्राणों की आहुती दी थी।
हर साल गणतंत्र दिवस के अवसर पर परेड से पहले भारत के प्रधानमंत्री, तीनों सेनाओं के प्रमुख और उल्लेखनीय व्यक्तियों द्वारा अमर जवान ज्योति पर शहीद सैनिकों को श्रद्धांजलि दी जाती है। लेकिन अमर जवान ज्योति के विलय के बाद ऐसा कहा जा रहा है कि यह प्रक्रिया अब शिफ्ट कर दिया जाएगा।
फिर 2019 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा नैशनल वॉर मेमोरियल का उद्घाटन किया गया जो अमर जवान ज्योति से सिर्फ आधे किलोमिटर दूर है। रक्षा मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक,आज 3.30 बजे अमर जवान ज्योति का विलय नेशनल वॉर मेमोरियल में कर दिया जाएगा।
सरकार के इस फैसले पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने एक ट्वीट के जरिए निशाना साधते हुए कहा है कि सरकार के दिलों से राष्ट्रवादी की भावना खत्म हो चुकी है।