(प्रदीप कुमार) – संसद के मानसून सत्र का आज से हंगामेदार आगाज हो गया है।इस बीच मणिपुर हिंसा को लेकर राज्य से विचलित करने वाला एक वीडियो सामने आया जिसमें दो महिलाओं को निर्वस्त्र घुमाया जा रहा है और कथित तौर पर गैंगरेप का भी आरोप है। इस वीडियो के सामने आने के बाद विपक्ष ने दोनों सदनों में मणिपुर हिंसा को लेकर प्रधानमंत्री के बयान की मांग करते हुए जोरदार हंगामा किया। विपक्ष ने सदन के बाहर प्रधानमंत्री के बयान को नाकाफी बताया और सदन के अंदर प्रधानमंत्री के बयान की मांग की। लोकसभा में सदन की कार्यवाही शुरू होने से पहले खबर आई कि प्रधानमंत्री मोदी ने सोनिया गांधी का हाल-चाल पूछा इस पर कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने दावा किया कि सोनिया गांधी ने पीएम मोदी को मणिपुर पर तुरंत चर्चा करने की मांग की जिस पर प्रधानमंत्री ने कहा कि मैं देखूंगा।इससे पहले 11 बजे लोकसभा की कार्रवाही शुरू हुई तो जालंधर उपचुनाव में आप पार्टी के नवनिर्वाचित सांसद सुशील कुमार रिंकू को सांसद पद की शपथ दिलाई गई। इसके बाद दिवंगत सांसदों को सदन में श्रद्धांजलि दी गई और सदन की कार्यवाही 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।
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इधर राज्य सभा में मणिपुर हिंसा को लेकर जबरदस्त हंगामा देखने को मिला सदन में प्रधानमंत्री के बयान की मांग करते हुए विपक्ष ने जमकर नारे लगाए। बाद में सदन की कार्रवाही को दिन भर के लिए स्थगित कर दिया गया। वही 2 बजे शुरू हुई लोकसभा की कार्यवाही के दौरान विपक्ष ने मणिपुर हिंसा का मुद्दा उठाते हुए कार्य स्थगन प्रस्ताव के तहत तुरंत चर्चा की मांग की। सदन में प्रधानमंत्री के बयान की मांग करते हुए विपक्ष ने सरकार को घेरा। हंगामे और शोरगुल के बीच संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहां कि सरकार मणिपुर पर चर्चा के लिए तैयार हैं गृह मंत्री अमित शाह चर्चा का जवाब देंगे।संसदीय मंत्री ने आरोप लगाया कि विपक्ष चर्चा नहीं चाहता है। सदन के बाहर राज्यसभा में नेता सदन पीयूष गोयल ने विपक्ष को घेरते हुए आरोप लगाया कि कांग्रेस शासित राज्यों में महिलाओं पर अत्याचार के मुद्दे पर चर्चा से बचने के लिए विपक्ष मणिपुर पर चर्चा से भाग रहा है। केंद्रीय मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने राजस्थान में महिला अत्याचार का मुद्दा उठाकर कांग्रेस पर निशाना साधा। वहीं विपक्ष का आरोप है कि मणिपुर पर चर्चा से बचने और प्रधानमंत्री का बयान ना हो इसलिए सत्तापक्ष की ओर से विपक्ष की तुरंत चर्चा और पीएम मोदी के बयान की मांग नहीं मानी जा रही है।