(रमेश भट्ट): फतेहाबाद में पराली जलाने का सिलसिला नहीं थम रहा है। फतेहाबाद जिले में टोटल 745 एक्टिव केस फायर लोकेशन मिली है। वहीं 261 किसानों पर कृषि अधिकारियों ने कार्रवाई कर उन से जुर्माना वसूला गया। किसानों से कृषि विभाग ने 6 लाख 60 हजार जुर्माना वसूला है। धुंआ छंटा तो है लेकिन फतेहाबाद का एयर क्वालिटी लेवल नहीं सुधर रहा है। प्रदूषित हवा से लोगों का जीना मुश्किल हो गया है। फतेहाबाद में आज सुबह वायु गुणवत्ता का स्तर 291 रहा। अधिकतम वायु गुणवत्ता सूचकांक 385 दर्ज किया गया। जिससे शाम होते होते प्रदुषण बढ़ने लगता है। बता दें की खेतों में जल रहे पराली को वायु प्रदूषण का मुख्य कारण मना जा रहा है। सांस और आंखों में तकलीफ की शिकायतें लेकर लोग अस्पतालों में पहुँच रहे है।
फतेहाबाद जिले में 745 जगहों पर जलाई गई पराली, धान फसल की कटाई के साथ ही पराली जलाने का सिलसिला हुआ शुरू, कृषि विभाग ने हरसेक के माध्यम से पराली जलाने की लोकेशन मिलने की पुष्टि की, विभाग के अधिकारी बोले- लोकेशन ट्रेस होने के बाद अब संबंधित किसान अथवा जमीन मालिक के खिलाफ करवाई कर के लिया जा रहा है जुर्माना, एडीसी को बनाया गया है जिला का नोडल अधिकारी।
फतेहाबाद में धान फसल की कटाई के साथ ही पराली जलाने का सिलसिला शुरू हो गया है। फतेहाबाद जिले में करीब 745 जगह पर पराली जलाई गई और कृषि विभाग के द्वारा स्थापित सेटेलाइट सिस्टम ‘हरसेक’ के जरिए फायर लोकेशन की पहचान हुई है। 261 किसानों के खिलाफ करवाई करते हुए उन से 6 लाख 60 हजार रुपए जुर्माना भी वसूला गया है।
कृषि विभाग के अधिकारियो ने बताया कि पराली जलाए जाने की लोकेशन मिलने के बाद फिजिकल तौर पर रिपोर्ट तैयार करने के लिए संबंधित पटवारी, तहसीलदार व अन्य अधिकारियों की टीम को मौका पर भेजा गया है और रिपोर्ट मिलने के बाद आरोपी किसानों के खिलाफ पराली जलाने के आरोप में उन के चालान काटे जा रहे है और उन से जुर्माना वसूला जा रहा है।
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फतेहाबाद जिले की तीन विधानसभा रतिया, टोहाना, फतेहाबाद में एसडीएम के सुपरविजन में अलग-अलग विभागों की टीमें पराली जलाए जाने की घटनाओं पर नजर रखेंगी और कहीं भी पराली जलाने की सूचना मिलती है तो वहां मौके की रिपोर्ट तैयार कर संबंधित किसानों के खिलाफ कार्यवाही अमल में लाई जाएगी। कृषि अधिकारियों का कहना है की जो किसान पराली जलाते है और उन का अगर गन लाईसेंस बना हुआ है तो उस किसान का गन लाईसेंस कैंसल किया जाएगा ये आदेश जिला उपायुक्त ने जारी किया है।
जो किसान पराली को आग लगा रहे है उन से किसानों से 2500 से ले कर 15000 हजार रूपये तक के जुर्माने बसुले जा रहे है। इस बार कृषि विभाग की जगह सरकार ने पॉल्यूशन विभाग को कंट्रोल डिपार्टमेंट बनाया है। कृषि विभाग की ओर से अपील की गई है कि किसान पराली को आग ना लगाएं और सरकार की ओर से उपलब्ध करवाए गए संयंत्रों के जरिए पराली का निपटारा करें।