नई दिल्ली (विश्वजीत झा की रिपोर्ट)– कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों के बीच दिल्ली में तीसरा सीरो सर्वे शुरू हो गया है। खास बात यह कि इस बार सर्वे वार्ड स्तर पर हो रहा है। जिसमे करीब 17 हज़ार सैंपल का लक्ष्य रखा गया है।
दिल्ली में कोरोना संक्रमण का तीसरा ज़ीरो सर्वे 1 सितंबर से शुरू हो गया है। तीसरे सर्वे में पूरी दिल्ली से वार्ड स्तर पर सैंपल लेने का लक्ष्य है। जिससे दिल्ली का बड़ा क्षेत्र इसमें शामिल हो सके शामिल हो सके इसमें शामिल हो सके शामिल हो सके। पिछले सर्वे के मुकाबले इस बार पूरी दिल्ली से करीब 17000 सैंपल इकठ्ठा करने का लक्ष्य है। स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा कि 10 दिन में सर्वे की प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी।
दिल्ली में इससे पहले दो सीरो सर्वे किए गए हैं। पहला सीरो सर्वे केंद्र सरकार ने कराया था जबकि दूसरा सर्वे दिल्ली सरकार ने ही कराया। पहले सर्वे में दिल्ली के 23 फ़ीसदी लोगों में में कोरोना के एंटीबॉडी पाए गए। जबकि पिछले महीने कराए गए दूसरे सिरो सर्वे सर्वे में करीब 29 फ़ीसदी लोगों में एंटीबॉडी पाए गए गए लोगों में एंटीबॉडी पाए गए गए थे।
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क्या होता है सीरो सर्वे ?
किसी महामारी के संक्रमण को मॉनिटर करने के लिए सीरो सर्वे कराए जाते हैं। इन्हें एंटीबॉडी सर्वे भी कहते हैं। इसमें किसी भी संक्रामक बीमारी के खिलाफ शरीर में पैदा हुए एंटीबॉडी का पता लगाया जाता है। कोरोनावायरस या SARS-CoV-2 जैसे वायरस से संक्रमित मामलों में ठीक होने वाले मरीजों में एंटीबॉडी बन जाती है, जो वायरस के खिलाफ शरीर को प्रतिरोधक क्षमता देती है।
बता दें कि कोरोनावायरस पहले से मौजूद रहा है, लेकिन SARS-CoV-2 इसी फैमिली का नया वायरस है, ऐसे में हमारे शरीर में पहले से इसके खिलाफ एंटीबॉडी नहीं है, लेकिन हमारा शरीर धीरे-धीरे इसके खिलाफ एंटीबॉडी बना लेता है। इस सर्वे में एक जनसंख्या विशेष (18 साल से अधिक उम्र के लोग) का ब्लड सैंपल, नेज़ल या थ्रोट स्वाब लिया जाता है। इसमें उनके सैंपल की जांच करने से पता चलता है कि उनके शरीर में वायरस के खिलाफ एंटीबॉडी बनी हैं या नहीं।