हालांकि आरोपियों को पहले आठ दिनों के लिए सीबीआई हिरासत में भेजा गया था, जिससे जांच एजेंसी के पास छह दिनों की रिमांड के लिए अर्जी देने का विकल्प बचा था, लेकिन जांचकर्ताओं ने अदालत में ऐसी कोई याचिका नहीं दायर की।सीबीआई के वकील ने अदालत में कहा, “सीबीआई ने कथित अपराध पर पहले ही बड़ी मात्रा में डिजिटल सबूत जुटा लिए हैं। हमें उन सबूतों को परखने के लिए समय चाहिए। हमें आरोपियों को तुरंत पुलिस हिरासत में रखने की जरूरत नहीं है लेकिन जरूरत पड़ने पर हम बाद में फिर से उनकी हिरासत मांग सकते हैं।”
Read also-मणिपुर में फिर सुलगी हिंसा की चिंगारी, केंद्र सरकार ने CRPF बटालियन को किया तैनात
वहीं अलीपुर कोर्ट कैंपस में आज बहुत अराजकता का माहौल देखने को मिला, जहां घोष सहित दूसरे आरोपियों को पेश किया गया। कोर्ट कैंपस में घोष के खिलाफ वकीलों ने प्रदर्शन किया और घोष को ले जा रहे सुरक्षाकर्मियों का रास्ता रोकने की कोशिश की।पुलिस ने स्थिति पर नियंत्रण पाने के लिए केंद्रीय अर्धसैनिक बलों के जवानों को बुलाया। दर्शनकारियों ने घोष के खिलाफ ‘चोर चोर’ के नारे लगाए।वकीलों ने आरोप लगाया कि आरोपियों को जजों के इस्तेमाल किए जाने वाले कोर्ट रूम के एग्जिट गेट से निकालने की इजाजत देकर “स्पेशल ट्रीटमेंट” दिया जा रहा है।