Tunnel Rescue Operation- उत्तरकाशी सुरंग हादसे में रेस्क्यू ऑपरेशन में मदद कर रहे इंटरनेशनल टनल एक्सपर्ट अर्नोल्ड डिक्स ने मंगलवार को कहा कि सुरंग में फंसे मजदूर किसी भी वक्त बाहर आ सकते हैं लेकिन अगर कुछ भी गलत हुआ तो एक मीटर की दूरी एक हजार किलोमीटर के बराबर हो सकती है।
मीडिया से बात करते हुए अर्नोल्ड डिक्स ने कहा कि भले ही हम एक मीटर दूर हों, एक मीटर अभी भी एक हजार किलोमीटर के बराबर है, एवलांच के अंदर आप कभी नहीं जानते कि आगे क्या होने वाला है। अगर अभी भूकंप आया है, जैसा कि अक्सर होता है, एक मीटर एक और हजार किलोमीटर है। पहाड़ की चोटी पर ड्रिलिंग बहुत अच्छी तरह से हो रही है।
Read also –महात्मा गांधी की तुलना किसी प्रधानमंत्री से करना अनुचित- पर्यावरण मंत्री गोपाल राय
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को कहा कि सिल्क्यारा सुरंग में मलबे के माध्यम से 52 मीटर तक पाइप डाले गए हैं। 17वें दिन भी टनल में फंसे मजदूरों को बाहर निकालने का काम जारी है।सिल्क्यारा में मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि सक्सेस पॉइंट 57 मीटर है।रेस्क्यू टीम को टनल में फंसे मजदूरों को बाहर निकालने के लिए रैट-होल खनन तकनीक का इस्तेमाल करके लगभग 10 मीटर मलबे को खोदना होगा। ये ड्रिलिंग पहले एक बड़ी ऑगर मशीन से की गई थी जो शुक्रवार को करीब 47 मीटर नीचे मलबे में फंस गई थी।
इंटरनेशनल टनल एक्सपर्ट अर्नोल्ड डिक्स ने कहा कि भले ही हम एक मीटर दूर हों, एक मीटर अभी भी एक हजार किलोमीटर के बराबर है, एवलांच के अंदर आप कभी नहीं जानते कि आगे क्या होने वाला है। अगर अभी भूकंप आया है, जैसा कि अक्सर होता है, एक मीटर एक और हजार किलोमीटर है। पहाड़ की चोटी पर ड्रिलिंग बहुत अच्छी तरह से हो रही है।