(प्रदीप कुमार ): केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आज राजस्थान इंटरनेशनल सेंटर, जयपुर में पुलिस महानिदेशकों (DGsP) और पुलिस महानिरीक्षकों (IGsP) के 58वें सम्मेलन का उद्घाटन किया। यह सम्मेलन हाइब्रिड मोड में आयोजित किया जा रहा है जिसमें पुलिस महानिदेशकों और पुलिस महानिरीक्षकों के साथ—साथ केंद्रीय पुलिस संगठनों के प्रमुख जयपुर में व्यक्तिगत रूप से भाग ले रहे हैं, वहीं देश भर से विभिन्न रैंकों के 500 से अधिक पुलिस अधिकारी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सम्मेलन में भागीदारी कर रहे हैं। केंद्रीय गृह मंत्री ने आसूचना ब्यूरो (IB) के अधिकारियों को सराहनीय सेवा के लिए पुलिस पदक वितरित किए और तीन सर्वश्रेष्ठ पुलिस स्टेशनों के लिए ट्रॉफियां प्रदान कीं।
केंद्रीय गृह मंत्री ने देश की सेवा में अपने प्राण न्यौछावर करने वाले सुरक्षा बलों के शहीदों को श्रद्धांजलि दी और उनके सर्वोच्च बलिदान को याद किया। गृह मंत्री ने इस बात पर प्रकाश डाला कि 2023 में देश अमृत काल में प्रवेश कर चुका है और नई शिक्षा नीति के निर्माण और ब्रिटिश युग के कानूनों की जगह 3 नए आपराधिक कानून के निर्माण की दो महत्वपूर्ण पहल पर जोर दिया। उन्होंने उल्लेख किया कि नए कानून सजा देने की बजाय न्याय प्रदान करने पर केंद्रित हैं और इन कानूनों के लागू होने से हमारी आपराधिक न्याय प्रणाली सबसे आधुनिक और वैज्ञानिक हो जाएगी। गृह मंत्री ने नए कानूनों के सफल कार्यान्वयन के लिए SHO से लेकर पुलिस महानिदेशक स्तर तक प्रशिक्षण और थाने से पुलिस मुख्यालय (PHQ) स्तर तक तकनीक के अपग्रेडेशन की जरूरत पर जोर दिया। उन्होंने उभरती सुरक्षा चुनौतियों से निपटने के लिए डेटाबेस को जोड़ने और AI संचालित विश्लेषणात्मक दृष्टिकोण अपनाने की आवश्यकता पर भी बल दिया।
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केंद्रीय गृह मंत्री ने वर्ष 2014 के बाद से देश में सुरक्षा परिदृश्य में समग्र सुधार, खास कर तीन महत्वपूर्ण हॉटस्पॉट यानी जम्मू—कश्मीर, उत्तर-पूर्व और वामपंथी उग्रवाद में हिंसा में कमी, का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में यह सम्मेलन एक ‘थिंक टैंक’ के रूप में उभरा है, जो निर्णय लेने और नई सुरक्षा रणनीतियों को तैयार करने की सुविधा प्रदान करता है। गृह मंत्री ने देश भर में आतंकवाद विरोधी तंत्र की संरचनाओं, आकार और कौशल की एकरूपता पर जोर दिया।गृह मंत्री ने वर्ष 2047 तक भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के दृष्टिकोण को साकार करने में आंतरिक सुरक्षा की भूमिका पर भी प्रकाश डाला।सम्मेलन में सीमा सुरक्षा, साइबर-खतरों, कट्टरवाद, पहचान संबंधी दस्तावेजों को धोखाधड़ी से जारी किए जाने और AI से उत्पन्न होने वाले खतरों सहित सुरक्षा संबंधी कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर विचार-विमर्श किया जाएगा।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 6 और 7 जनवरी को इस सम्मेलन के सत्र में मौजूद रहेंगे
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