DEEP FAKE VIDEOS: केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा हम चार स्तंभों पर काम करेंगे, पहला है पहचान करना, दूसरा है डीपफेक के प्रसार को कैसे रोकना है, तीसरा है कि हम उस तंत्र और उसकी कार्रवाई को कैसे मजबूत करें जिसके बारे में आपका प्रश्न था, चौथा है डीपफेक के बारे में जागरूकता और कैसे पता लगाया जाए, कैसे पता लगाया जाए। ये क्या नुकसान पहुंचा सकता है, इन सभी चीजों पर हम काम करेंगे। आपके विचार देने के लिए प्रत्येक हितधारक का स्वागत है, हमारे पास बहुत ही संरचित तरीका है जैसा कि आप डीपीडीपी परामर्श के बारे में जानते हैं, जो सुझाव हमें प्राप्त हुए वे हजारों की संख्या में थे। तो उस तरह की संरचना पहले से ही उपलब्ध है, कृपया अपने विचार और विचार दें। हमारी अगली बैठक दिसंबर के पहले हफ्ते में होगी।”
केंद्रीय संचार और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने ‘डीपफेक’ को लोकतंत्र के लिए नया खतरा बताया है। उन्होंने गुरुवार को कहा कि सरकार इससे निपटने के लिए जल्द ही नए नियम लाएगी ।अश्विनी वैष्णव ने ‘डीपफेक’ के मुद्दे पर सोशल मीडिया मंचों के प्रतिनिधियों से गुरुवार को मुलाकात की।अश्विनी वैष्णव ने कहा कि कंपनियां ‘डीपफेक’ का पता लगाने और इससे निपटने, इसकी सूचना देने के तंत्र को मजबूत करने और उपयोगकर्ताओं में जागरूकता बढ़ाने जैसी कार्रवाई करने पर सहमत हुईं।अश्विनी वैष्णव ने कहा कि हम आज ही विनियमन का मसौदा तैयार करना शुरू कर देंगे और कुछ ही समय में हमारे पास ‘डीपफेक’ से निपटने के लिए नए नियम होंगे।
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अश्विनी मंत्री ने कहा कि ‘डीपफेक’ लोकतंत्र के लिए एक नया खतरा बनकर उभरा है।अश्विनी वैष्णव ने कहा कि हमारी अगली बैठक दिसंबर के पहले हफ्ते में होगी। आज किए गए फैसलों पर उसमें आगे की चर्चा होगी। इसके अलावा मसौदा विनियमन में क्या शामिल किया जाना चाहिए, इस पर भी चर्चा की जाएगी।डीपफेक’ में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) का इस्तेमाल करते हुए किसी तस्वीर या वीडियो में मौजूद व्यक्ति की जगह किसी दूसरे को दिखा दिया जाता है। इसमें इतनी समानता होती है कि असली और नकली में अंतर करना काफी मुश्किल होता है।हाल ही में बॉलीवुड के कई कलाकारों को निशाना बनाने वाले कई ‘डीपफेक’ वीडियो सोशल मीडिया पर आए। इस पर कई लोगों ने नाराजगी जाहिर की। इससे नकली सामग्री बनाने के लिए प्रौद्योगिकी और उपकरणों के दुरुपयोग को लेकर भी कई सवाल खड़े हो गए।
(Source PTI )