Lok Sabha Speaker: लोक सभा अध्यक्ष, ओम बिरला ने भारत और वियतनाम के बीच गहरे ऐतिहासिक और सभ्यतागत संबंधों का उल्लेख करते हुए कहा कि आपसी विश्वास और समझ हमेशा से दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंधों के आधार रहे हैं । लोक सभा अध्यक्ष ने संसदीय कार्यवाही में टेक्नोलॉजी और आर्टिफिशल इंटेलिजेंस (एआई) के बढ़ते उपयोग के बारे में बताते हुए कहा कि डिजिटल इनोवेशन से भारत की संसद में पारदर्शिता, दक्षता और सुगमता बढ़ी है। उन्होंने यह भी कहा कि भारत में एआई के उपयोग से संसदीय वाद-विवाद और दस्तावेज कई भाषाओं में उपलब्ध कराए जाने से अधिक से अधिक लोग संसद से जुड़े हैं । उन्होंने शासन, विधायी प्रलेखन और लोगों तक पहुँचने के लिए डिजिटल साधनों के उपयोग से जुड़े अपने अनुभव वियतनाम की संसद के साथ साझा करने की भारत की इच्छा भी व्यक्त की। श्री बिरला ने बताया कि भारत शीघ्र ही भारत-वियतनाम मैत्री समूह का गठन करेगा।
वियतनाम की नेशनल असेंबली के वाईस चेयरमैन ने लोक सभा अध्यक्ष से मुलाकात की


- Pradeep Kumar,
- Mar 17th, 2025
- (10:24 pm)
लोक सभा अध्यक्ष ने संसद भवन में वियतनाम की नेशनल असेंबली के वाईस चेयरमैन, महामहिम गुयेन डुक हाई और उनके शिष्टमंडल के साथ हुई बैठक के दौरान ये टिप्पणियां कीं। उन्होंने 2022 में वियतनाम की अपनी यात्रा का उल्लेख भी किया, जिसके दौरान उन्हें वियतनाम की नेशनल असेंबली के तत्कालीन स्पीकर से भेंट करने का अवसर प्राप्त हुआ था। लोक सभा अध्यक्ष ने भारत और वियतनाम के बीच बढ़ते संसदीय आदान-प्रदान को रेखांकित करते हुए कहा कि संसदीय राजनय भारत-वियतनाम की व्यापक रणनीतिक साझेदारी का महत्वपूर्ण घटक है। वित्त और ऋण में महामहिम गुयेन डुक हाई की विशेषज्ञता का उल्लेख करते हुए बिरला ने कहा कि वियतनाम के आर्थिक शासन में उनका महत्वपूर्ण योगदान रहा है और उनके ज्ञान और अनुभव का लाभ वियतनाम की विधायी प्रक्रियाओं को भी मिला है।
ओम बिरला ने कहा कि दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र भारत में लोकतांत्रिक परंपरा की समृद्ध विरासत है। उन्होंने भारत की जीवंत चुनावी प्रक्रिया के बारे में भी बात की, जिसमें लगभग 900 मिलियन मतदाता 543 प्रतिनिधियों को चुनते हैं। इसके साथ ही उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि लोकतंत्र भारत में सिर्फ एक शासन प्रणाली नहीं, बल्कि इसके सांस्कृतिक और आध्यात्मिक लोकाचार का आधार है। उन्होंने शिष्टमंडल को बजट सत्र के बारे में जानकारी दी और बताया कि बजट सत्र वर्ष के तीन सत्रों में से पहला सत्र है, जिसमें केंद्र सरकार के वार्षिक बजट को संसद द्वारा पारित किए जाने से पहले विभागों से संबंधित संसदीय समितियों द्वारा इसकी व्यापक समीक्षा की जाती है।
उन्होंने संसदीय लोकतंत्र शोध और प्रशिक्षण संस्थान (PRIDE) के बारे में शिष्टमंडल को जानकारी देते हुए कहा कि प्राइड एक विश्व स्तरीय संस्थान है जिसने 110 से अधिक देशों के सांसदों और अधिकारियों को प्रशिक्षण प्रदान किया है।ओम बिरला ने वियतनाम की संसद के सदस्यों और अधिकारियों की आवश्यकताओं के अनुसार क्षमता निर्माण और प्रशिक्षण कार्यक्रमों का आयोजन किए जाने का प्रस्ताव रखा । अपनी बात समाप्त करते हुए श्री बिरला ने विश्वास व्यक्त किया कि महामहिम श्री गुयेन डुक हाई की यात्रा से भारत-वियतनाम साझेदारी और मजबूत होगी।
महामहिम गुयेन डुक हाई ने गर्मजोशी भरे आतिथ्य और ज्ञानप्रद चर्चा के लिए माननीय अध्यक्ष के प्रति आभार व्यक्त किया। महामहिम गुयेन डुक हाई ने बताया कि वियतनाम ने भारत के आपदा रोधी अवसंरचना गठबंधन (सीडीआरआई) की पहल में शामिल होने का फैसला किया है और अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन में शामिल होने के लिए शीघ्र ही आंतरिक प्रक्रियाओं को अंतिम रूप दिया जाएगा । उन्होंने प्रौद्योगिकी, आर्थिक विकास और सर्वोत्तम संसदीय प्रथाओं में भारत के वैश्विक नेतृत्व की सराहना की तथा व्यापार, शिक्षा और शासन में सहयोग बढ़ाने में वियतनाम की गहरी रुचि की पुष्टि की। भारत की एक्ट ईस्ट नीति की सराहना करते हुए उन्होंने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में पर्मानेन्ट सीट के लिए भारत की दावेदारी के लिए वियतनाम के समर्थन की जानकारी भी दी।उन्होंने ओम बिरला को संसदीय शिष्टमंडल के साथ वियतनाम यात्रा पर आने का आमंत्रण भी दिया ।