( सत्यम कुशवाह )- देवोत्थान एकादशी के साथ ही आज 23 नवंबर से ही पहले मुहुर्त से शादियों के मौसम की भी शुरुआत हो गई है। शादियों के मौसम के चलते बाजार की फिजा भी बदल गई है। पहले दीपावली और फिर छठ के त्योहार की रौनक के बाद अब शादियों के सीजन में विशेषकर बाजार में और व्यापारियों के चेहरों पर और चमक बढ़ने वाली है या यूं कहें कि व्यापारियों की चांदी होने वाली है ।
शादियों का सीजन शुरू होते ही बाजारों में जमकर भीड़ देखने को मिलने लगी है। इससे बाजार की फिजा भी बदलने लगी है। आज हलवाइयों से लेकर फूल और फल वालों, किराना बाजार, कपड़ा, फर्नीचर और बर्तन मार्केट व बैंडबाजे वालों की दुकानों पर लोगों की भीड़ दिखने लगी है। इसके साथ ही ब्यूटीशियन केंद्रों पर भीड़ दिखने लगी है।
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देशभर में हिंदू रीति-रिवाजों और मान्यताओं के अनुसार देवउठनी एकादशी ( देवोत्थान एकादशी ) से ही शादियों के सीजन का शुभारंभ हो जाता है। हिन्दुओं की मान्यता है कि कार्तिक एकादशी को ही चार माह से सोए देवता उठते हैं। देवउठनी एकादशी को तुलसी विवाह होता है। इस दिन भगवान विष्णु के शालीग्राम अवतार के साथ माता तुलसी का विवाह होता है।
व्यापारी संगठन के एक सर्वे के अनुसार देशभर के विभिन्न राज्यों में कराए विशेष सर्वे के अनुसार शादी के इस सीजन में 38 लाख से ज्यादा शादियां होने का अनुमान लगाया जा रहा है, जिससे 4.47 लाख करोड़ रुपये के कारोबार की उम्मीद जताई जा रही है। शादियों के सीजन के देखते हुए सुरक्षा व्यवस्था के भी कड़ी होती दिख रही है। सभी बैंक्वेट हाल और मैरिज हॉल संचालकों को शादियों से जुड़े तमाम नियमों का पालन करने के निर्देश दिए गए हैं।