( प्रदीप कुमार ), Union Cabinet Meeting- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में आज कई अहम निर्णयों को मंजूरी दी गयी है। इसमें उज्ज्वला सब्सिडी बढ़ाने, तेलंगाना में केंद्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय को जैसे फैसले शामिल हैं। केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के लाभार्थियों के लिए सब्सिडी राशि 200 रुपये से बढ़ाकर 300 रुपये प्रति एलपीजी सिलेंडर कर दी है। केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर कैबिनेट के फैसलों पर एक ब्रीफिंग के दौरान यह जानकारी दी। Union Cabinet Meeting
केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में कैबिनेट की बैठक हुई। रक्षा बंधन के मौके पर गैस सिलेंडर के दामों में 200 रुपए की कटौती की गई थी।आज से उज्ज्वला योजना के लाभार्थियों की सब्सिडी 200 रुपए से बढ़ाकर 300 की जा रही है।
उज्ज्वला लाभार्थियों को वर्तमान में 14.2 किलोग्राम के सिलेंडर के लिए 703 रुपये प्रति सिलेंडर का भुगतान करना पड़ता है, जबकि बाजार मूल्य 903 रुपये है। केंद्रीय मंत्रिमंडल के फैसले के बाद अब उन्हें महज 603 रुपये का भुगतान करना पड़ेगा। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने अपने एक और महत्त्वपूर्ण फैसले में तेलंगाना के मुलुगु में 900 करोड़ रुपये की लागत से सममक्का-सरक्का केंद्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय स्थापित करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।
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केंद्रीय मंत्री जी किशन रेड्डी ने कहा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 1 अक्टूबर को चुनावी राज्य तेलंगाना के अपने दौरे के दौरान मुलुगु में विश्वविद्यालय की स्थापना की घोषणा की थी। इस साल दिसंबर में तेलंगाना में विधानसभा चुनाव होने हैं इसलिए पार्टी आक्रामक तरीके से राज्य में अपनी पकड़ बनाने की कोशिश कर रही है।
केंद्रीय कैबिनेट ने अपने एक और फैसले में राष्ट्रीय हल्दी बोर्ड के गठन को अधिसूचित करने की मंजूरी दे दी है। राष्ट्रीय हल्दी बोर्ड देश में हल्दी और हल्दी उत्पादों के विकास और वृद्धि पर फोकस करेगा। राष्ट्रीय हल्दी बोर्ड हल्दी से संबंधित मामलों में नेतृत्व प्रदान करेगा, प्रयासों को मजबूत बनाएगा और हल्दी क्षेत्र के विकास और वृद्धि में मसाला बोर्ड और अन्य सरकारी एजेंसियों के साथ अधिक समन्वय की सुविधा प्रदान करेगा। वहीं केंद्रीय मंत्रिमंडल ने केंद्र शासित प्रदेशों अंडमान व निकोबार, दादरा-नगर हवेली और दमन-दीव के लिए किरायेदारी नियमन को भी मंजूरी दे दी है।
इसके अलावा केंद्रीय मंत्रिमंडल ने तेलंगाना और आंध्र प्रदेश के बीच न्यायिक फैसले के लिए आईएसआरडब्ल्यूडी कानून की धारा 5 (1) के अन्तर्गत मौजूदा कृष्णा जल विवाद न्यायाधिकरण- II (केडब्ल्यूडीटी-II) की आगे की संदर्भ शर्तों (टीओआर) को मंजूरी दे दी। अंतर राज्य नदी जल विवाद (आईएसआरडब्ल्यूडी) कानून, 1956 की धारा (3) के तहत शिकायत में तेलंगाना सरकार (जीओटी) द्वारा उठाए गए मुद्दों पर कानूनी राय लेने और उसी पृष्ठभूमि में महत्वपूर्ण है।
कृष्णा नदी के पानी के उपयोग, वितरण या नियंत्रण पर दोनों राज्यों के बीच विवाद के समाधान से तेलंगाना और आंध्र प्रदेश दोनों राज्यों में विकास के नए रास्ते खुलेंगे और इसका दोनों राज्यों के लोगों को लाभ मिलेगा, जिससे देश को मजबूत बनाने में मदद मिलेगी।