अजय पाल – मां आदि शक्ति की उपासना का पर्व चैत्र नवरात्रि की शुरुआत इस साल 22 मार्च से हो रही है। जिसका समापन 30 मार्च को होगा। नवरात्रि में मांदुर्गा के नौ स्वरूप की पूजा की जाती है। जो भक्त सच्चे दिल से मां दुर्गा की पूजा अर्चना करते है। माता सदैव अपने भक्तों पर श्रद्धा बनाए रखती है। हिंदू धर्म में नवरात्रि का विशेष महत्व माना जाता है।
मांदुर्गा को प्रसन्न करने के लिए चढ़ाए साम्रगी हिंदू पंचाग के अनुसार चैत्र मास की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को चैत्र नवरात्रि का पर्व मनाया जाता है। मां दुर्गा को प्रसन्न करने के लिए आप सिंदूर, पान के पत्ते, धूप, कंघी, चूड़ी व सुगंधित तेल, कपूर, आम के पत्ते मिठाई चढ़ा सकते है। नवरात्रि के पहले दिन घटस्थापना की जाती है। नवरात्रि में प्रथम दिन की जाती है देवी शैलपुत्री की पूजा मां दुर्गा के पहले स्वरुप में देवी शैलपुत्री की पूजा की जाती है। पर्वत राज हिमालय के यहां जन्म लेने के कारण देवी शैलपुत्री के नाम से प्रसिद्र हुई।
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जानिए चैत्र नवरात्रि का शुभ मुहूर्त
आपको बता दें कि घट स्थापना का शुभ मुहूर्त सुबह 6 बजकर 24 मिनट से शुरु हो जाएगा। कलश स्थापना के लिए सुबह स्नान आदि करने के बाद साफ सुथरे कपड़े पहनकर मंदिर पूजा आराधना करें। उसके बाद एक मिट्टी के पात्र में जौ बौ दे। एक नारियल ले उस पर कलावा बांधकर कलश के ऊपर रख दें। इसके बाद दीप जलाकर माता की पूजा करें।