मास्को: डब्लूएचओ ने फाइजर और बायोटेक कंपनियों द्वारा निर्मित वैश्विक महामारी कोरोना वायरस की वैक्सीन को आपातकालीन उपयोग के लिए मान्यता दे दी।
डब्लूएचओ ने कोरोना महामारी की शुरुआत के बाद पहली बार किसी वैक्सीन को यह मंजूरी दी है। डब्ल्यूएचओ ने गुरुवार को बयान जारी कर कहा कि विश्व स्वास्थ संगठन ने आज आपातकालीन तौर पर इस्तेमाल करने के लिए फाइजर और बायोटेक की वैक्सीन को मान्यता दे दी है।
विश्व के कई देशों ने कोरोना की वैक्सीन निर्मित की है लेकिन डब्ल्यूएचओ ने फिलहाल केवल इन दो वैक्सीन को ही मान्यता दी है। इसी के साथ अब दुनियाभर के देशों में फाइजर की कोरोना वैक्सीन के इस्तेमाल का रास्ता खुल गया है।
वहीं, भारत भी आज कोरोना वायरस वैक्सीन के इमरजेंसी यूज को लेकर बड़ा फैसला लेगा। डब्ल्यूएचओ की असिस्टेंट डायरेक्टर मैरिएंगेला सिमाओ ने कहा कि कोरोना वायरस वैक्सीन की वैश्विक पहुंच सुनिश्चित करने की दिशा में ये एक बेहद ही सकारात्मक कदम है।
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डब्लूएचओ ने फाइजर की कोरोना वैक्सीन को मंजूरी की पूरी और विस्तृत जांच बाद में करेगी। फाइजर की वैक्सीन को डब्लूएचओ की हरी झंडी मिलने का मतलब है कि अब गरीब देशों को जल्द ही यूरोप और उत्तरी अमेरिका में पहले से उपलब्ध कोरोना के खुराक मिल सकती है।
हर देश के पास अपनी एक ड्रग रेग्युलेटरी एजेंसी है, जो किसी भी कोरोना वैक्सीन के लिए अपनी मंजूरी देने के बाद ही उसका इस्तेमाल करेगी।
लेकिन कुछ कमजोर सिस्टम वाले देश आमतौर पर वैक्सीन के टेस्ट के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन पर निर्भर करते हैं। केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन की विशेषज्ञों की समिति आज वैक्सीन की अनुमति को लेकर बड़ी बैठक करेगी।
इस बैठक में सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया, फाइजर और भारत बायोटेक प्राइवेट लिमिटेड की वैक्सीन के इमरजेंसी इस्तेमाल की अनुमति मिलने का अनुमान है।
डब्लूएचओ ने फाइजर वैक्सीन की समीक्षा के बाद कहा कि इससे सुरक्षा और प्रभावकारिता के लिए अवश्य ही मानदंड मिलना चाहिए। इस वैक्सीन के दो डोज लेने के बाद कोरोना से मौत की संभावना भी कम हो जाती है।
संगठन ने यह भी कहा कि हमने इस वैक्सीन को इसलिए जल्दी मंजूरी दी है क्योंकि सभी लोगों तक इसकी डोज पहुंचने में देरी नहीं होनी चाहिए।
फाइजर की कोरोना वैक्सीन को सबसे पहले ब्रिटेन ने इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी दी थी। इसके बाद अमेरिका ने भी इस वैक्सीन को अपनी इजाजत दे दी।
इसके बाद यूरोपीय यूनियन, इजरायल, सऊदी अरब समेत दुनिया के कई देशों ने वैक्सीन के इमरजेंसी प्रयोग को मंजूरी दे दी है।