कम उम्र में क्यों बढ़ रहा कार्डियक अरेस्ट, जानिए क्या है वजह ?

आज हम एक ऐसे गंभीर विषय पर आपको बताने जा रहें है, जो इस समय युवावों के लिए खतरा बनता जा रहा है। और इस खतरे से निपटना किसी चुनौती से कम नहीं है। हालही के कुछ सालों या कुछ दिनों में अगर देखा जाए तो इससे कई लोगों की जान चली गई है।

अगर बात बॉलीवुड की करे तो एक्टर सतीश कौशिक की मौत कार्डिएक अरेस्ट होने से बताई जा रही है। कॉमेडियन राजू श्रीवस्तव, म्यूजिक कंपोजर और सिंगर केके, आदि सेलेब्स की जिंदगी भी कार्डियक अरेस्ट ने ही छीनी थी। कुछ समय से काफी सारे ऐसे मामले सामने आ रहे हैं, जिसमें युवावों की सड़क पर घूमने, जिम में वर्कआउट करने या फिर शादी में डांस करते समय भी कार्डियक अरेस्ट के कारण मौत हो रही है। ऐसा सिर्फ भारत में ही नहीं बल्कि दुनिया भर में हो रहा है।कार्डियक अरेस्ट के मामले पहले जहां अधिक उम्र के लोगों में देखे जाते थे। वहीं आज कम उम्र के लोग भी इससे नहीं बच पा रहे हैं। कार्डियक अरेस्ट के बारे में गहराई से जानने के लिए हमने रिसर्च किया….

डरावाना कार्डियक अरेस्ट से होने वाली मौत का आंकड़ा
कार्डियक अरेस्ट में हार्ट काम करना बंद कर देता है।यदि हार्ट काम करना बंद कर देता है तो वह खून को पंप नहीं कर पाता और और कुछ ही समय में पूरे शरीर पर असर दिखने लगता है। कार्डियक अरेस्ट के बारे में सबसे अहम बात जो जानना जरूरी है वो है कि हार्ट अचनाक से नहीं रुकता। पहले वह 3-5 मिनट की अवधि तक आमतौर पर 350-400 बीपीएम (बीट्स प्रति मिनट) की दर से बहुत तेजी से धड़कता है और फिर रुकता है। इस दौरान इंसान को बचाने के लिए 3-5 मिनट का समय मिलता है। अगर किसी को इस समय सीपीआर या फिर इलेक्ट्रिक शॉक (डिफिब्रिलेशन) मिल जाए तो उसकी जान बच सकती है।

कार्डियक अरेस्ट के लक्षण
वैसे तो कार्डियक अरेस्ट के लक्षण को समझने और उनके मुताबिक सही इलाज करने के लिए इंसान को समय ही नहीं मिल पाता। एक्सपर्ट के मुताबिक, कार्डियक अरेस्ट आने से शरीर में कुछ अंतर दिखाई देने लगते हैं। अगर उन पर ध्यान दिया जाए तो कार्डियक अरेस्ट से निपटा जा सकता है।
– बेहोशी
– हार्ट रेट तेज होना
– सीने में दर्द
– चक्कर आना
– सांस लेने में कठिनाई
– उल्टी होना
– पेट और सीने में साथ में दर्द होना

किन लोगों को है कार्डियक अरेस्ट का अधिक खतरा
सिगरेट पीना
– खराब कोलेस्ट्रॉल
– हाई ब्लड प्रेशर
– मधुमेह
– मानसिक और सामाजिक तनाव
– वर्क आउट नहीं करना
– ओबेसिटी यानी मोटापा
– सब्जी और फल बेहद कम खाना
– शराब पीना

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *