Dwarkadhish Temple: गुजरात में चक्रवात बिपरजॉय का खतरा है । खासकर तटीय इलाकों में तूफान का ज्यादा असर देखने को मिल सकता है। इस बीच सोमवार को द्वारका के जगत मंदिर में एक साथ दो ध्वजों को फहराए जाने का मामला सामने आया है। कुछ श्रध्दालुओं की तरफ से दावा किया जा रहा है कि चक्रवात से आई आपदा को दूर करने के लिए मंदिर के शिखर पर दो झंडे फहराए गए हैं। अगर मीडिया रिपोर्टस की माने तो इस तरह की घटना पहली बार हुई है।
जगत मंदिर क्यो फहराए गए झंडे?
रिपोर्टस की माने तो स्थानीय तीर्थ पुरोहित ने जगत मंदिर के शिखर ध्वज फहराने के बारे में स्पष्ट किया है। उन्होंने कहा कि चक्रवात बिरजॉय के कारण द्वारकाधीश के मंदिर के ध्वज स्तंभ पर ध्वजारोहण नहीं हो पा रहा है। ऐसे में पुराने ध्वज को नीचे छोड़ नया ध्वज फहराया गया है। कई श्रध्दालु इसे चक्रवात से अनहोनी को टालने के लिए आस्था से जोड़कर देख रहे हैं। फैक्ट यही है कि झंडा फहराने के लिए ऊपर जाने वाले की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए दो झंडे फहराए गए और ऐसा पहले कई बार हो चुका है।
शिखर पर ध्वज फहराना जोखिम से कम नहीं
द्वारका के जगत मंदिर में शिखर पर प्रतिदिन पांच बार ध्वज फहराए जाते हैं। सोमवार की सुबह झंडा फहराया गया। उसके बाद पहले वाले ध्वज के नीचे नया झंडा फहराना खतरे से खाली नहीं है। क्योंकि तूफान के कारण तेज हवाएं चल रही हैं, जिससे ऊपर खतरनाक साबित हो सकता है, इसलिए नए ध्वज को पुराने के नीचे फहराया जा रहा है।
Read also –दिल्ली-NCR समेत पूरे उत्तर भारत में भूकंप के झटके,चीन-पाकिस्तान में भी हिली धरती
शिखर पर चढ़ाया जाता है ध्वज
आपको बता दें कि ऐसा पहले भी कई बार हुआ है। गुजरात के मोरबी में जब डैम बह गया था, तब भी अतिवृष्टि के कारण दो ध्वज लगाए गए थे। मंदिर के 50 मीटर ऊंचे शिखर पर 52 गज का ध्वज दिन में 5 बार बदला जाता है। इससे पहले मई 2021 में गुजरात से टकराने वाले चक्रवात से पहले भी दो ध्वज लगाए गए थे। यह रक्षा ध्वज कहलाता है। श्रध्दालुओं का मानना है कि ध्वज मंदिर और नगर की रक्षा करता है। तेज हवाओं के बीच शिखर पर ध्वज चढ़ाना मुश्किल कार्य होता है।
Dwarkadhish Temple
Top Hindi News, Latest News Updates, Delhi Updates,Haryana News, click on Delhi Facebook, Delhi twitter and Also Haryana Facebook, Haryana Twitter. Total Tv App