Women Reservation bill 2023- बीआरएस नेता के. कविता ने संसद के विशेष सत्र में पेश किए जाने वाले विधेयक को कैबिनेट की मंजूरी मिलने कि खबर पर खुशी जताई। हालांकि उन्होंने इस बात की आशंका जताई कि विधेयक का प्रारूप क्या होगा। उन्होंने ये आशंका व्यक्त करते हुए कहा कि केंद्र सरकार की ओर से कोई आधिकारिक जानकारी नहीं दी गई और “सभी को मीडिया के माध्यम से इस घटनाक्रम के बारे में पता चला।”
केंद्रीय राज्य मंत्री प्रह्लाद सिंह पटेल ने सोमवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट किया कि कैबिनेट ने महिला आरक्षण बिल को मंजूरी दे दी है। हालांकि एक घंटे के अंदर ही उन्होंने अपने इस पोस्ट को हटा दिया। केंद्र सरकार की तरफ से सोमवार शाम हुई कैबिनेट बैठक को लेकर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। हालांकि अटकलें हैं कि कैबिनेट ने महिला आरक्षण विधेयक पर मुहर लगा दी है।
सरकारी सूत्रों ने पहले संकेत दिया था कि विधेयक को कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है और इसे विशेष संसद सत्र में पेश किए जाने की संभावना है। कैबिनेट के कथित फैसले का स्वागत करते हुए के. कविता ने कहा, “मैं खुश हूं।
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अब केवल सवाल ये होगा कि इस बिल का प्रारूप क्या होगा। क्या ये वही बिल होगा जो 2008 में राज्यसभा में पारित हुआ था या ये पूरी तरह से नया बिल होगा। यही एकमात्र चीज है जिसके बारे में हमें चिंता करने की जरूरत है।”
उन्होंने याद दिलाया कि बीआरएस ने 2014 में ही इस विधेयक का स्वागत किया था और उनके पिता और तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव ने हाल ही में अपना रुख दोहराया था कि जब भी ये विधेयक सदन में पेश किया जाएगा वो इसका समर्थन करेंगे। हालांकि, के. कविता ने इस बात पर चिंता जाहिर की क्या सत्तारूढ़ बीजेपी महिला आरक्षण विधेयक पर सभी दलों की सहमति लेगी।
उन्होंने कहा कि बीजेपी ने 2014 और 2019 के अपने घोषणापत्र में महिला आरक्षण विधेयक लाने की बात कही थी, लेकिन फिर भी उन्हें इसे लाने में नौ साल लगा दिए। उन्होंने कहा कि पिछली बार लोकसभा में ओबीसी समुदाय की तरफ से उठाई गई आपत्तियों के कारण विधेयक रद्द हो गया था।