दिल्ली (अवैस उस्मानी): वर्ल्ड बैंक ने भारत के कोरोना मैनेजमेंट की तारीफ की है । वर्ल्ड बैंक की तरफ से एक रिपोर्ट जारी किया गया है, जिसके मुताबिक भारत ने सही समय पर सही कदम उठाए। रिपोर्ट में कहा है कि टेस्टिंग से लेकर पीपीई किट तक हर सामान भारत में बनने लगा जिसका बहुत फायदा हुआ।
वर्ल्ड बैंक द्वारा जारी रिपोर्ट के मुताबिक, भारत की निर्माण क्षमता कम थी, देश के हर राज्य में कोरोना फैला था। जहां दुनिया में कोरोना से लड़ने के हर सामान की किल्लत की वजह से दामों में भारी उछाल आया था। वहीं कई मंत्रालयों ने मिलकर इंटर मिनिस्ट्रियल ग्रुप बनाए और काम किया। वर्ल्ड बैंक ने रिपोर्ट में कहा कि भारत ने जल्द से जल्द आत्मनिर्भरता की ओर कदम बढ़ाया है। भारत में टेस्टिंग क्षमता को बढ़ाया गया, टेस्टिंग लैब की क्षमता चार महीने में बढ़ाकर 18 से 2500 किया गया। रिपोर्ट के अनुसार कोविड का सामान सस्ते दर पर GEM पोर्टल के माध्यम से खरीदा गया ।
वर्ल्ड बैंक ने रिपोर्ट में कहा सभी राज्यों में कोरोना के सही फैलाव का आंकलन किया गया और वो सही साबित हुआ। आंकलन के हिसाब से सभी राज्यों को जरूरी सामान मुहैया कराया जा सका, तथा कोविड के दौरान होल गवर्नमेंट एप्रोच अपनाया गया, साथ हि राज्यों को फंड मुहैया कराया गया जिससे सामान की खरीददारी में तेजी आई, वहीं निजी क्षेत्र ने भी सरकार के साथ कदम मिलाकर सहयोग किया।
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रिपोर्ट के अनुसार कोविड की इमरजेंसी तैयारियों के लिए भारत को वर्ल्ड बैंक से 11 हज़ार 983 करोड़ रुपये का लोन मिला था, जिससे पीपीई के सामान और बाकी चीजों की जरूरत का सही एनालिसिस सरकार की ओर से किया गया। कई मंत्रालयों ने मिलकर ग्रुप बनाए और काम किया। रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि प्राइवेट लैब आगे आईं और 50% टेस्टिंग का जिम्मा संभाला। रिपोर्ट में सरकार ने प्रिकॉशन डोज का डाटा भी जारी किया गया, कहा है कि लोगों में बूस्टर डोज को लेकर जागरूकता की कमी है, लोगों को आगे आना चाहिए। आजादी के अमृत महोत्सव पर सरकारी अस्पतालों में प्रिकाशन डोज फ्री करने से तेजी आई, लेकिन अभी भी कम है।