प्रदीप कुमार की रिपोर्ट – गुलाम नबी आजाद के कांग्रेस से इस्तीफे के एक दिन बाद अब पंजाब के आनंदपुर साहिब से कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने बगावती तेवर दिखाए हैं। मनीष तिवारी ने पार्टी में मंडली संस्कृति पर वार करते हुए उन्होंने कहा कि, कांग्रेस नेताओं के चपरासी उन लोगों को उपदेश दे रहे हैं जिन्होंने पार्टी को दशकों दिए हैं। ये नेता ऐसे होते है, जो नगरपालिका चुनाव भी जीत नहीं सकते
मनीष तिवारी ने कहा कि, ‘हमें किसी से कोई सर्टिफिकेट की जरूरत नहीं है। मैंने 42 साल इस पार्टी को दिए हैं। जिन लोगों ने पत्र लिखे हैं, उन्होंने मुझसे ज्यादा समय पार्टी को दिया है। इस संस्था में हम किराएदार नहीं है, हिस्सेदार हैं। आप धक्के मारकर निकालने की कोशिश करोगे तो देखा जाएगा।’ मनीष तिवारी ने कहा, ‘मैं पार्टी का किरायेदार नहीं हूं, बल्कि पार्टी का सदस्य होने के नाते एक शेयरधारक हूं।’ अनुभवी नेता ने कहा कि कांग्रेस सभी चुनाव हार रही है, इस बात की पुष्टि करता है कि पार्टी देश के लोगों के साथ तालमेल नहीं बिठा रही है।
दो साल पहले कांग्रेस आलाकमान की एक बैठक का जिक्र करते हुए मनीष तिवारी ने कहा कि, ‘1885 से भारत और कांग्रेस के बीच मौजूद समन्वय में फासला नजर आ रहा है। आत्मनिरीक्षण की जरूरत है।मुझे लगता है कि अगर 20 दिसंबर, 2020 को सोनिया गांधी के आवास पर हुई बैठक की सहमति बन गई होती तो यह स्थिति नहीं आती
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मनीष तिवारी ने आगे कहा कि ‘मैं गुलाम नबी आजाद पर कमेंट नहीं करना चाहता। उनके पत्र के गुण-दोष में नहीं जाना चाहता। वे समझाने की सबसे अच्छी स्थिति में होंगे। पार्टी के बारे में “ज्ञान” हास्यास्पद है। हममें से 23 लोगों ने 2 साल पहले सोनिया गांधी को लिखा था कि पार्टी की स्थिति चिंताजनक है और इसे गंभीरता से लिया जाना चाहिए। उस पत्र के बाद कांग्रेस सभी विधानसभा चुनाव हार गई।
कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने ये भी कहा कि ‘उत्तर भारत के लोग जो हिमालय की चोटी की ओर रहते हैं, यह जज्बाती, खुददार लोग होते हैं। पिछले 1000 साल से इनकी तासीर आक्रमणकारियों के खिलाफ लड़ने की रही है। किसी को इन लोगों के धैर्य की परीक्षा नहीं लेनी चाहिए।’
गुलाम नबी आजाद के कांग्रेस पार्टी से इस्तीफे के बाद उनके समर्थन में G23 के सदस्य मनीष तिवारी का यह बड़ा बयान माना जा रहा है।मनीष तिवारी इससे पहले भी समय-समय पर पार्टी के फैसलों की आलोचना करते रहे हैं अभी हाल में प्रधानमंत्री मोदी जब पंजाब दौरे पर गए तो मनीष तिवारी ने पीएम से भी मुलाकात कर हलचल बढ़ा दी थी।इस मुलाकात पर मनीष तिवारी ने कहा था कि हम पंजाबी बड़े दिलवाले होते हैं।