1984 सिख हिंसा: जगदीश टाइटलर को कोर्ट ने अग्रिम जमानत दिया

(अवैस उस्मानी)1984 Sikh violence 1984 पुलबंगश गुरुद्वारा हिंसा मामले में आरोपी जगदीश टाइटलर को बड़ी राहत मिली, राउज़ एवेन्यु कोर्ट ने जगदीश टाइटलर अग्रिम ज़मानत दे दिया राउज़ एवेन्यु कोर्ट ने शर्त लगाई की टाइटलर अग्रिम ज़मानत के दौरान गवाहों और सबूतों को प्रभावित नहीं करेंगे, CBI ने जगदीश टाइटलर की अग्रिम ज़मानत का विरोध किया, CBI ने कहा गवाह बड़ी हिम्मत दिखा करके सामने आए हैं और उनको प्रभावित किये जाने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है, जगदीश टाइटलर ने अपनी सेहत और उमर का हवाला देते हुए अग्रिम जमानत की मांग की थी। 1984 पुलबंगश गुरुद्वारा हिंसा मामले में कोर्ट के समन पर जगदीश टाइटलर आरोपी के रूप में पेश होंगे।
1984 पुलबंगश गुरुद्वारा हिंसा मामले में आरोपी जगदीश टाइटलर की अग्रिम ज़मानत पर राउज़ एवेन्यु कोर्ट के स्पेशल CBI जज विकास ढुल की अदालत ने अग्रिम जमानत दे दिया, राउज़ एवेन्यु कोर्ट ने अग्रिम जमानत में शर्त लगाई की टाइटलर अग्रिम ज़मानत के दौरान गवाहों और सबूतों को प्रभावित नहीं करेंगे,कोर्ट ने जगदीश टाइटलर को एक लाख के निजी बांड और श्योरिटी पर ज़मानत दी,कोर्ट ने कहा कि जांच के दौरान टाइटलर को जांच एजेंसी ने गिरफ्तार नहीं किया,कोर्ट ने कहा कि जगदीश टाइटलर के विदेश भागने की संभवना नहीं है,कोर्ट ने कहा कि जगदीश टाइटलर जांच में हमेशा शामिल हुए,CBI ने जगदीश टाइटलर की अग्रिम ज़मानत का विरोध किया, CBI ने कहा गवाह बड़ी हिम्मत दिखा करके सामने आए हैं और उनको प्रभावित किये जाने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है, जगदीश टाइटलर ने अपनी सेहत और उमर का हवाला देते हुए अग्रिम जमानत की मांग की थी।
राउज़ एवेन्यु कोर्ट में सुनवाई के दौरान CBI ने जगदीश टाइटलर की ज़मानत अर्ज़ी का विरोध किया। CBI ने कहा कि नए गवाहों के बयान के अनुसार प्रथम दृष्टया में जगदीश टाइटलर की भूमिका नज़र आती है। मामले की सुनवाई की शुरुआत में कोर्ट रूम के पीड़ित महिलाओं ने जज के टाइटलर की जमानत का विरोध किया, टाइटलर को ज़मानत नहीं दी जानी चहिए, पीड़ित महिलाओं ने कहा 39 साल हो गया है, हमको न्याय नहीं मिला है। कई पीड़ित महिलाएं जज के सामने हाथ जोड़ कर रोने भी लगी थी, बाद में उनको समझा कर शांत कराया गया।
पुलबंगश गुरुद्वारा हिंसा मामले में आरोपी जगदीश टाइटलर की अग्रिम जमानत पर सुवनाई के दौरान जगदीश टाइटलर के वकील ने कहा देश में बहुत दुःखद घटना हुई थी, 40 साल पहले जो हुआ उसको  माफ नहीं किया जा सकता है, इस केस की वजह से मेरा राजनीतिक कैरियर बर्बाद हो गया। टाइटलर के वकील ने कहा कि CBI ने मामले में क्लोज़र रिपोर्ट दाखिल कर दिया था, उसके बाद लोकसभा चुनाव से 11 महीने पहले कुछ नये गवाहों के बयान के आधार पर CBI ने मई 2023 में चार्जशीट दाखिल कर टाइटलर को आरोपी बनाया गया। टाइटलर के वकील ने कहा CBI ने 2007, 2014 में चार्जशीट दाखिल कर क्लीचिट दिया था। टाइटलर के वकील ने कहा कि मामले में दिल्ली पुलिस ने दो बार और CBI ने जांच के बाद कहा टाइटलर के खिलाफ कुछ नहीं मिला।
पीड़ितों की तरफ से वकील HS फुलका ने कहा यह देश का ऐसा पहला केस है जहां तीन बार क्लोज़र रिपोर्ट दाखिल की गई और तीनों बार अदालत ने क्लोज़र रिपोर्ट को खारिज किया गया। HS फुलका ने कहा कोर्ट मामले में मेरिट के धार पर फैसला लेगा कि क्या अधिकतम मौत की सज़ा दी जाए या नहीं यह ट्रायल का विषय है। HS फुलका ने कहा कि यह सिर्फ 3 सिखों की हत्या का मामला नहीं है यह सिखों के नरसंहार से जुड़ा मामला है, दिल्ली में दिन दहाड़े 3000 लोगों की हत्या की गई,  यह लोग कानूनी प्रावधानों का मख़ौल उड़ाते है। HS फुलका ने कहा कि सिख महिलाओं के साथ रेप और हत्या करने वाले लोगों को सम्मानित किया गया इसलिए आज मणिपुर में जो हो रहा है हम सब देख रहे है।।HS फुलका ने कहा आज़ादी के समय बटवारे के समय जो हत्या हुई उसी तरह से का पैटर्न सिख दंगों, गुजरात, मुजफ्फरनगर और दूसरी जगहों पर भी देखा गया। HS फुलका ने कहा कि टाइटलर ने सिर्फ गवाहों को ही नहीं बल्कि वकीलों को भी धमकियां दी गई, जगदीश टाइटलर प्रभावशाली व्यक्ति है, उनको जमानत नहीं दी जानी चहिए।

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