भारत में 5 तरह से फैल रहा कंजंक्टिवाइटिस,जानें लक्षण और बचाव के उपाय

(अजय पाल)-भारत में कंजक्टिवाइटिस तेजी से फैल रहा है जिसे आई फ्लू के नाम शे भी जाना जाता है बच्चों में यह बीमारी तेजी से फैल रही है स्वास्थ्य विभाग द्वारा इससे बचने  की एडवाइजरी जारी की गयी है आई फ्लू को काफी संक्रामक माना गया है खासकर भीड वाली जगहों व बच्चों में यह तेजी से फैलता है भारत में 5 तरह के फ्लू तेजी से फैल रहे है आइए जानते है इससे बचने के तरीके वायरल कंजक्टिवाइटिस –यह वायरस बहुत खतरनाक होता है  और तेजी से फैलता है किसी संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से यह तेजी से फैल सकता है वायरल कंजाक्टिवाइटिश में आखे लाल होना पानी निकलना खुजली होना आम लक्षण है यह फ्लू एक से तीन हफ्ते में अपने आप ठीक हो जाता है।

बैक्टीरियल कंजक्टिवाइटिस – यह बैक्टिरिया के कारण तेजी से फैलता है और इसमें आंखों का लाल होना, पानी निकलना और चुभन होना काफी आम लक्षण है. यह संक्रमित व्यक्ति के सीधे संपर्क में आने से या किसी संक्रमिक  व्यक्ति के सीधे संपर्क में आने से या किसी संक्रमित व्यक्ति के साथ चीजें शेयर करने से फैल सकता है।

एलर्जी कंजक्टिवाइटिस – एलर्जी कंजक्टिवाइटिस धूल के कण पालतू जानवरों की रुसी या कुछ रसायनो के कारण फैल सकता है यह अधिक संक्रामक नही माना जाता है  इसमे दोनों आंखे इफेक्टीड होती है आंखे लाल  होना. तेज चुभन, इसके लक्षण है ।

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कैमिकल कंजक्टिवाइटिस – कैमिकल कंजक्टिवाइटिस, उत्तेजक पदार्थों या कैमिकल के संपर्क में आने से फैलता है  बता दे कि यह फ्लू स्विमिंग पूल के पानी में मिला क्लोरीन, धुआं या फ्लोर या बेस क्लीन क्लीनर्स से निकलने वाली गैस. इसके लक्षणों में आंखें लाल होना, दर्द और पानी निकलना काफी कॉमन है।

जाइंट पैपिलरी कंजंक्टिवाइटिस –जीपीसी, कंजक्टिवाइटिस का काफी कॉमन रूप है जिसमें आंखों की पल कम सामान्य रूप है, जिसमें पलकों की भीतरी सतह पर पैपिला बन जाते है यह अक्सर  यह अक्सर कॉन्टैक्ट लेंस या ऑक्यूलर प्रोस्थेटिक्स के लंबे समय तक उपयोग के कारण होता है।

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