Jammu-Kashmir Terror Attack: जम्मू कश्मीर के गांदरबल जिले के गगनगीर में हुए आतंकी हमले के मामले में अधिकारियों ने मंगलवार को कहा कि जांच कर रहे अधिकारियों ने पूछताछ के लिए 40 से अधिक संदिग्धों को हिरासत में लिया है। इस आतंकी हमले में सात लोग मारे गए थे।पुलिस अधिकारियों का मानना है कि हमलावरों ने बेहद सावधानी से हमले की योजना बनाई थी और आतंकियों ने अपने मंसूबे को सपोर्ट नेटवर्क के कारण अंजाम दिया है।
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वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, “हम देर-सबेर उन आतंकियों को पकड़ लेंगे। हमने कई संदिग्धों को पूछताछ के लिए उठाया है लेकिन अभी तक किसी को गिरफ्तार नहीं किया गया है।”टनल कंस्ट्रक्शन साइट पर आतंकी हमले के एक दिन बाद सोमवार को सुरक्षा बलों ने टूरिस्ट प्लेस सोनमर्ग से सटे इलाके में बड़े पैमाने पर सर्च ऑपरेशन शुरू किया।एनआईए के एजेंटों ने जरूरी सबूतों के लिए मौका-ए-वारदात की जांच की है क्योंकि सेना, सीआरपीएफ और पुलिस यूनिट्स इस हमले में शामिल अपराधियों और उनके सपोटर्स का पता लगाने के लिए कंस्ट्रक्शन साइट के आसपास की पहाड़ियों में फैल गई हैं।
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हमलावर, जिन्हें पाकिस्तानी आतंकी माना जा रहा है। उन्होंनेे अपने मंसूबे को पूरा करने के लिए पहले साइट के लेआउट का सावधानीपूर्वक समझा था। अधिकारियों के क्वार्टर की ओर बढ़ने से पहले उन्होंने सबसे पहले मजदूरों की मेस को निशाना बनाया।अधिकारियों को संदेह है कि हमलावरों को साइट के बारे में पहले से जानकारी थी। हो सकता है कि वे पहले वहां काम भी कर चुके हों या उन्हें लोकल लोगों से सपोर्ट मिला हो। चश्मदीदों ने हमलावरों के अंधाधुंध फायरिंग का जिक्र किया।
राजनीतिक दलों ने जमकर निंदा की- अधिकारियों ने कहा कि इलाके के सीसीटीवी फुटेज की भी जांच की जा रही है।इस हमले की जिम्मेदारी प्रतिबंधित लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े शैडो ऑर्गेनाइजेशन ‘द रेजिस्टेंस फ्रंट’ ने ली है।तीन दशकों से अधिक समय से आतंकवाद से त्रस्त इस इलाके में पहले कभी इतनी हिंसक घटना नहीं हुई थी।यहे हमला, जिसमें एक डॉक्टर सहित छह मजदूरों की मौत हो गई। ये वारदात तब हुई, जब कर्मचारी टनल प्रोजेक्ट पर काम करने के बाद देर शाम अपने कैंप में लौटे थे।मृतकों में डॉ. शाहनवाज डार, फहीम नासिर, कलीम, मोहम्मद हनीफ, शशि अबरोल, अनिल शुक्ला और गुरुमीत सिंह शामिल हैं।
मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कही ये बात- एनआईए की जांच टीम ने जरूरी सबूत इकट्ठा करने के लिए साइट का दौरा किया, जो हमलावरों की पहचान करने में मदद कर सकता है।इस हमले को लेकर अलग-अलग राजनीतिक दलों और संगठनों के नेताओं ने जमकर निंदा की। वहीं जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा कि ऐसे हिंसा को इलाके के विकास में बाधा नहीं बनने देंगे।वहीं उप-राज्यपाल मनोज सिन्हा ने इलाके में हिंसा भड़काने के लिए पाकिस्तान को जिम्मेदार ठहराते हुए हमले का बदला लेने की बात कही है।
