दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट ने रेलवे में नौकरी के बदले कथित जमीन घोटाले में आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव, उनकी पत्नी राबड़ी देवी और उनके बेटे और बिहार के उप-मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव को बुधवार को जमानत दे दी।
स्पेशल जज गीतांजलि गोयल ने आरोपितों को तब राहत दी जब वे अपने खिलाफ जारी समन का पालन करते हुए अदालत में पेश हुए।अदालत ने आरोपितों और दूसरे आरोपितों के खिलाफ दायर आरोपपत्र पर संज्ञान लेते हुए 22 सितंबर को उन्हें तलब किया था। अदालत ने कहा था कि साक्ष्यों से ‘प्रथम दृष्टया’ भ्रष्टाचार, आपराधिक साजिश, धोखाधड़ी और जालसाजी सहित कई अपराधों में शामिल होने का पता चलता है।
एजेंसी ने कथित घोटाले के सिलसिले में तीन जुलाई को आरोपपत्र दायर किया था।लालू प्रसाद इस मामले के साथ-साथ चारा घोटाला मामलों में जमानत पर बाहर हैं।ये इस मामले में सीबीआई की तरफ से दायर दूसरा आरोप पत्र था। पहले आरोप पत्र में तेजस्वी यादव को आरोपित के रूप में नामित किया गया है।
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अधिकारियों के अनुसार ये मामला 2004 से 2009 तक लालू प्रसाद यादव के रेल मंत्री रहने के दौरान मध्य प्रदेश के जबलपुर में रेलवे के पश्चिम मध्य जोन में समूह-डी की नियुक्तियों से संबंधित है।एजेंसी ने 18 मई, 2022 को लालू यादव और उनकी पत्नी और उनकी दो बेटियों सहित 15 दूसरे लोगों और अज्ञात सरकारी कर्मचारियों के खिलाफ मामला दर्ज किया था।
सीबीआई ने इस मामले में लालू प्रसाद, राबड़ी देवी और दूसरे लोगों के खिलाफ पिछले साल अक्टूबर में पहला आरोपपत्र दायर किया था। ये रेलवे के मुंबई मुख्यालय वाले मध्य जोन में की गई नियुक्तियों से संबंधित था।