नवरात्रि के नौ दिन मां दुर्गा के अलग-अलग स्वरूप की पूजा होती है, नवरात्रि का तीसरा दिन मां चंद्रघंटा की पूजा का दिन है। इस दिन विधि-विधान के साथ मां चंद्रघंटा की पूजा और आरती की जाती है। मां की पूजा के बाद आरती अवश्य करें। माना है कि कोई भी पूजा तभी पूर्ण मानी जाती है, जब आरती की जाती है।
नवरात्रि के तीसरे दिन पूजा करने के लिए मां की चौकी पर चंद्रघंटा की प्रतिमा रखें, इसके बाद मां की तस्वीर का गंगाजल से शुद्धिकरण करें। चौकी एक पात्र में कलश भरकर उसके ऊपर नारियल रखें, फिर पूजन का संकल्प लें और वैदिक और सप्तशती मंत्रों द्वारा मां सहित सभी देवी-देवताओं की षोडशोपचार पूजा करें।
इसमें आवाहन, आसन, पाद्य, अध्र्य, आमचन, स्नान, वस्त्र, सौभाग्य सूत्र, चंदन, रोली, हल्दी, सिंदूर, दुर्वा, बिल्वपत्र, आभूषण, पुष्प-हार, सुगंधित द्रव्य, धूप-दीप, नैवेद्य, फल, पान, दक्षिणा, आरती, प्रदक्षिणा, मंत्र पुष्पांजलि आदि करें, इसके बाद पूजन संपन्न करें और मां की आरती और मंत्र जाप करें।