नवरात्रि के दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी की पूजा-अर्चना की जाती है। मां ब्रह्मचारिणी की पूजा करने से व्यक्ति को अपने कार्य में सदैव विजय प्राप्त होती है। माता की भक्ति से व्यक्ति में तप की शक्ति, त्याग, सदाचार, संयम और वैराग्य जैसे गुणों में वृद्धि होती है। आइए जानें, मां ब्रह्मचारिणी की पूजा- विधि, भोग और कथा।
पूजा विधि
इस दिन सुबह उठकर जल्दी नहा कर, फिर पूजा के स्थान पर गंगाजल डालकर उसकी शुद्धि कर लें।
घर के मंदिर में दीप प्रज्वलित करें।
मां दुर्गा का गंगा जल से अभिषेक करें।
अब मां दुर्गा को अर्घ्य दें।
मां को अक्षत, सिन्दूर और लाल पुष्प अर्पित करें, प्रसाद के रूप में फल और मिठाई चढ़ाएं।
धूप और दीपक जलाकर दुर्गा चालीसा का पाठ करें और फिर मां की आरती करें।
मां को भोग भी लगाएं। इस बात का ध्यान रखें कि भगवान को सिर्फ सात्विक चीजों का भोग लगाया जाता है।
देवी मां ब्रह्मचारिणी को गुड़हल और कमल का फूल बेहद पसंद है और इसलिए पूजा के दौरान इन्हीं फूलों को देवी मां के चरणों में अर्पित करें। मां को चीनी और मिश्री काफी पसंद है इसलिए मां को भोग में चीनी, मिश्री और पंचामृत का भोग लगाएं। मां ब्रह्मचारिणी को दूध और दूध से बने व्यंजन अति प्रिय होते हैं। इन्हीं चीजों का दान करने से लंबी आयु का सौभाग्य भी पाया जा सकता है।
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