(राहुल सहजवानी): यमुनानगर में ओवरलोड ट्रकों को निकलवाने के नाम पर अवैध वसूली का हुआ भंडाफोड़ । यह पैसा डीटीओ (जिला परिवहन अधिकारी) के नाम पर लिया जा रहा था। करनाल विजिलेंस की टीम ने 40 हजार रुपये लेते पंसारी बाजार निवासी अंकित को पकड़ा। इसके बाद उसके साथी गांधीधाम कालोनी निवासी नीरज व लवली को गिरफ्तार किया गया। तीनों को कोर्ट में पेश किया गया। जहां से लवली को न्यायिक हिरासत में भेजा गया। जबकि नीरज व अंकित को तीन दिन के रिमांड पर लिया गया है। फिलहाल इस मामले में जांच के चलते विजिलेंस द्वारा मीडिया को ब्रीफिंग नही की गई। Aaj ki taja khabre
मिली जानकारी के अनुसार विजिलेंस के मुख्यालय में उत्तर प्रदेश के शामली निवासी व्यक्ति ने आनलाइन शिकायत भेजी थी। जिसमें उसने कहा था कि उससे ओवरलोड ट्रक निकलवाने के नाम पर 50 हजार रुपये की मांग की जा रही है। यह पैसा डीटीओ व एक इंस्पेक्टर के नाम से लिया जा रहा है। शिकायतकर्ता ने कहा था कि इस मामले की स्थानीय विजिलेंस से जांच न कराई जाए। इसकी जांच किसी अन्य जिले की विजिलेंस से कराई जाए। जिस पर करनाल विजिलेंस के इंस्पेक्टर सचिन के नेतृत्व में टीम गठित की गई। करनाल विजिलेंस की टीम ने आरोपितों को पकड़ने के लिए जाल बिछाया। टीम ने जेल चुंगी के पास से अंकित को शिकायतकर्ता से 40 हजार रुपये लेते पकड़ा। आरोपित के साथ लवली भी था।
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दोनों को गिरफ्तार कर लिया गया। इसके बाद बाईपास रोड से नीरज को पकड़ा। अंकित के घर से विजिलेंस को चार लाख रुपये बरामद हुए। जबकि नीरज के घर से 46 हजार रुपये बरामद हुए। इसके अलावा नीरज के खाते में भी 20 हजार रुपये ट्रांसफर किए गए थे। अभी तक की पूछताछ में पता लगा कि यह गाड़ियों को निकलवाने के लिए नौ से 15 हजार रुपये तक वसूलते थे। यह आरोपित हरियाणा की गाड़ियों के नौ हजार रुपये व बाहर के नंबर की गाड़ियों के 15 हजार रुपये डीटीए के नाम पर लेते थे। रिमांड पर लिए गए दोनो आरोपियों से अधिकारियों की भूमिका के बारे पूछताछ की जाएगी।इस मामले की जांच में जहाँ कई बड़े नाम सामने आ सकते है वही बड़े खुलासे होने की उम्मीद है।
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