(प्रदीप कुमार): छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव का भव्य आयोजन किया जाएगा। ये कार्यक्रम एक से तीन नवम्बर तक साइंस कॉलेज ग्राउंड में आयोजित होगा।इस कार्यक्रम से पहले आज दिल्ली में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने छत्तीसगढ़ टूरिज्म कॉन्क्लेव को संबोधित किया। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि इस महोत्सव के माध्यम से न केवल राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जनजातीय कलाकारों के बीच उनकी कलाओं की साझेदारी होगी, बल्कि वे एक-दूसरे के खान-पान, रीति-रिवाज, शिल्प-शैली को भी देख-समझ सकेंगे।
सीएम भूपेश बघेल ने 1 नवंबर से 3 नवंबर के बीच रायपुर में हो रहे नेशनल ट्राइबल डांस फेस्टिवल 2022 के बारे में चर्चा करते हुए कहा कि इस बार इसमें 7 से ज्यादा देशों के कलाकार शामिल होंगे। विदेशों से 100 कलाकार आएंगे। वहीं देश के विभिन्न राज्यों से करीब 1500 कलाकार आएंगे।
मुख्यमंत्री बघेल ने जानकारी दी कि छत्तीसगढ़ की ओर से नौ देशों को आमंत्रण पत्र भेजा गया है। ये सभी देश पहली बार रायपुर में अपनी प्रस्तुति देंगे। इस आयोजन में मोजांबिक, मंगोलिया, टोंगो, रशिया, इंडोनेशिया, मालदीव, सर्बिया, न्यूजीलैंड और इजिप्ट के जनजातीय कलाकार हिस्सा लेंगे।
डांस फेस्टिवल में भारत और दुनिया की विभिन्न जनजातियों की संस्कृति और नृत्य का प्रदर्शन किया जाएगा। मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि 1 नवंबर को छत्तीसगढ़ राज्य स्थापना दिवस के मौके पर राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव 2022 की शुरुआत होगी।
इस मौके पर राज्य सरकार की उपलब्धियां गिनाते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के ग्राम स्वराज आंदोलन को बढ़ाने का काम छत्तीसगढ़ सरकार कर रही है। ग्रामीणों को रोजगार उपलब्ध कराना, गांवों को स्वावलंबी बनाना, छत्तीसगढ़ की संस्कृति और परंपरा को विश्व मानचित्र पर उभारने का प्रयास राज्य सरकार कर रही है।
सीएम भूपेश बघेल ने कहा कि आदिवासी जल-जंगल-जमीन के लिए लड़ते रहे हैं। हमने स्वास्थ्य, विश्वास और सुरक्षा के सूत्र पर काम किया। हमने आदिवासियों को उनकी 4200 एकड़ जमीन वापस दिलायी। स्वास्थ्य व शिक्षा के क्षेत्र में काम किया, जिससे उनमें सरकार के प्रति विश्वास बढ़ा।
मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि कांग्रेस की सरकार ने आदिवासियों की भाषाओं को बढ़ावा दिया और उनकी भाषा को उनकी बोली में लिपिबद्ध करके बच्चों के कोर्स में शुरू किया। यह महोत्सव भी उसी पहल का एक हिस्सा है। बस्तर की कॉफी आज पूरी दुनिया मे मशहूर हो रही है। बस्तर ने उनका विश्वास जीता है। वहां पपीता, सब्जी, जैविक खेती भी की जा रही है। अब वहां नक्सलियों का प्रभाव काफी कम हुआ है।
इस दौरान मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि केंद्र सरकार भी सहायता उपलब्ध करा रही है। पहले जब सड़क बनती थी तो आदिवासी सोचते थे कि इससे पैरामिलिट्री फ़ोर्स आएगी, लेकिन अब यह सोच बदली है कि सभी आदिवासी नक्सली नहीं है। हमने स्कूल आंगनबाड़ी केंद्र, बिजली, अस्पताल और सड़क बनाने का काम किया है। अब आदिवासी सोचते हैं कि सड़क हमारे लिए बन रही है। आज वो बैंक और इंग्लिश मध्यम स्कूल की मांग कर रहे हैं। अब गांव में लोग बैंक मांग रहे, क्योकि आदिवासियों के पास पैसा पहुचा है। अभी तक 28 जिलों में सी-मार्ट खोला है।
राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव का भव्य आयोजन किया जाएगा। यह कार्यक्रम एक से तीन नवम्बर तक साइंस कॉलेज ग्राउंड में आयोजित होगा। महोत्सव में नौ देशों के जनजातीय कलाकारों सहित 28 राज्य और 8 केंद्र शासित प्रदेशों के 1500 से अधिक कलाकार भाग लेंगे।
दिल्ली पहुंचने वाले विदेशी मेहमानों को छत्तीसगढ़ तक लाने-ले जाने और उनकी मेहमान-नवाजी में इंडियन काउंसिल ऑफ कल्चरल रिलेशन, दिल्ली (आई.सी.सी.आर) सहयोगी होगा। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की पहल पर विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्री एवं राज्यपालों को आमंत्रित करने के लिए छत्तीसगढ़ के मंत्रीगण एवं प्रशासनिक अधिकारियों को व्यक्तिगत रूप से भेजा गया है।
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इस बार आदिवासी नृत्य महोत्सव में दो थीम रखी गई है। पहली थीम है ‘फसल कटाई पर होने वाले आदिवासी नृत्य’ और दूसरी थीम है ‘आदिवासी परम्पराएँ और रीति- रिवाज’। विजेताओं को कुल 20 लाख रुपए के पुरस्कारों का वितरण किया जाएगा। प्रथम स्थान के लिए 05 लाख रुपए, द्वितीय स्थान के लिए 03 लाख रुपए और तृतीय स्थान के लिए 02 लाख रुपए के पुरस्कार दिए जाएंगे।
टूरिज्म कॉन्क्लेव में मुख्यमंत्री के संबोधन के दौरान श्रम एवं समाज कल्याण मंत्री शिव डहरिया, पर्यटन मण्डल के अध्यक्ष अनिल साहू सहित छत्तीसगढ़ के अन्य वरिष्ठ अधिकारी शामिल रहे है।